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पालतू पशु रखने वालों से टैक्स वसूल कर शेल्टर होम को देने सुनवाई, मिली मोहलत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में बढ़ी आवारा श्वानों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए उनकी नसबंदी करने और उनकी देखभाल करने वाले शेल्टर होम की अव्यवस्थाओं पर केंद्रित अंकिता शाह की जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट के संज्ञान में आया कि श्वानों की देखभाल के लिए शहर के भांडेवाड़ी में चल रहे शेल्टर होम में सुविधाओं का अभाव है। ऐसे में इसके रख-रखाव के लिए धन जुटाने हाईकोर्ट ने मनपा को अपना पक्ष बताने को कहा है।
कोर्ट ने पूछा है कि क्या शहर में पालतू पशु रखने वाले नागरिकों से टैक्स वसूल कर वह रकम शेल्टर होम की देख-रेख के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। मनपा को इस विषय पर चार सप्ताह में अपना जवाब कोर्ट में प्रस्तुत करना है। शाह ने स्वयं अपना पक्ष रखा, मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा।
यह है मामला
याचिकाकर्ता के अनुसार एनिमल बर्थ कंट्रोल नियमावली के अनुसार आवारा श्वानों के प्रबंधन के लिए मनपा को विशेष श्वान नियंत्रक सेल की स्थापना करनी थी, जो अब तक नहीं की गई है। आवारा श्वानों को पकड़ने के लिए श्वान दस्ते को शिकायत मिलने पर श्वान पकड़ कर उनका जरूरी टीकाकरण और स्वास्थ्य जांच की जानी चाहिए। साथ ही श्वानों का पूरा लेखा-जोखा दर्ज किया जाना चाहिए। याचिका में नागपुर महानगर पालिका पर अवैध आश्रयशाला संचालित करने के भी आरोप लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता अंकिता शाह ने याचिका में दावा किया है कि मनपा भांडेवाड़ी डंप यार्ड में अवैध आश्रयशाला चलाकर सार्वजिनक धन करोड़ों में लुटा रही है।
याचिकाकर्ता के अनुसार आश्रयशाला में श्वानों की पूरी देखभाल की जानी चाहिए। उनके भोजन-पानी, स्वास्थ्य और साफ-सफाई से जुड़े सारे मुद्दों का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस मामले में याचिकाकर्ता ने एनिमल वेलफेयर बोर्ड, महाराष्ट्र पशु संवर्धन विभाग, नागपुर मनपा और अन्य को प्रतिवादी बनाया है। याचिका में श्वानों की देखभाल से संबंधित जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करने, मनपा द्वारा संचालित आश्रयशाला के इस्तेमाल पर रोक लगाने और श्वानों की नसबंदी कार्यक्रम चलाने के आदेश देने की प्रार्थना की गई है।
Created On :   6 Sep 2018 10:42 AM GMT