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बारह भावना सुनकर मन में जागा वैराग्य, छोड़ दी बैंक की नौकरी, बन गए जैन मुनि

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। परिग्रह की चिंता को छोड़, निज के ङ्क्षचतन को चल पड़े अंकित भैया...। व्यवसायी योगेंद्र काला एवं मधु काला के सुपुत्र बाल ब्रम्हचारी अंकित भैया जल्द ही आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज से दिगम्बर मुनि की दीक्षा लेने जा रहे हैं। करीब तीन वर्ष पूर्व प्रवचन सुनकर मन में वैराग्य जागा तो बैंक की नौकरी छोड़कर दीक्षा पथ पर अग्रसर हो गए।
ऐसे आया परिवर्तन-
अंकित भैया के परिचित बताते हैं कि अप्रैल 1985 में जन्में अंकित काला की प्रारंभिक शिक्षा विधानिकेतन स्कूल एवं डीडीसी कॉलेज में हुई। इसके बाद उन्होंने स्टेट बैंक में सर्विस प्रारंभ की। कुछ वर्ष बेंगलुरु में पदस्थ रहने के बाद वे छिंदवाड़ा की परासिया शाखा में पदस्थ रहे। आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज का वर्ष 2016 में छिंदवाड़ा में चातुर्मास हुआ था। उस समय मुनिश्री द्वारा बारह भावना पर प्रवचन दिए जा रहे थे। इसका अंकित काला के मन में गहरा प्रभाव पड़ा और उन्होंने मन ही मन ब्रम्हचर्य व्रत का संकल्प ले लिया। गत वर्ष उन्हें आचार्य श्री ने ब्रम्हचर्य व्रत धारण कराया। इस वर्ष जून में उन्होंने मुक्तागिरी में दो प्रतिमा धारण कीं। अंकित भैया बैंक की नौकरी छोड़कर अब मुनि दीक्षा के पथ पर अग्रसर हैं।
बचपन से धार्मिक प्रवृत्ति के हैं अंकित-
योगेंद्र काला का परिवार अत्यंत धार्मिक प्रवृत्ति का है। इसका असर अंकित पर भी पड़ा। बचपन से ही उनमें वैराग्य लेने की भावना रही। अंकित दो बहनों के इकलौते भाई हैं।
नगर आगमन पर निकली बिंदोरी, हुई गोदभराई-
बाल ब्रम्हचारी अंकित भैया के साथ ही बाल ब्रम्हचारी देवास भैया, बाल ब्र. सार्थक भैया, बाल ब्र. मणिकांत भैया भी दीक्षा पथ पर अग्रसर हैं। चारों देशभर के तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए निकले हैं। गुरुवार को अंकित भैया का गृहनगर में आगमन हुआ। उनके साथ तीनों ब्रम्हचारी भैया का भी आगमन हुआ। इस अवसर पर खंडेलवाल भवन गोलगंज से बिंदोरी प्रारंभ हुई जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए गुलाबरा जैन मंदिर पहुंची। यहां पर गोद भराई एवं भक्ति संगीत का आयोजन किया गया।
Created On :   26 Sept 2019 11:33 PM IST