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हाईकोर्ट ने पूछा- पचमढ़ी में राज्य सरकार की 229 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने क्या कार्रवाई की
पुनर्वास के आश्वासन पर भी माँगी जानकारी, अगली सुनवाई 16 फरवरी को
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि पचमढ़ी में राज्य सरकार की 229 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कार्रवाई की गई है। डिवीजन बैंच ने केन्ट बोर्ड और डिफेंस लैंड से हटाए गए लोगों के पुनर्वास के संबंध में राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए पुनर्वास के आश्वासन के बारे में भी जानकारी पेश करने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 16 फरवरी को नियत की गई है।
यह है मामला
हाईकोर्ट ने पचमढ़ी में केन्ट बोर्ड, डिफेन्स लैंड और राज्य सरकार की जमीन पर हुए अतिक्रमण के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पचमढ़ी में केन्ट बोर्ड, डिफेन्स लैंड और राज्य सरकार की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। पचमढ़ी में रहने वालों ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की शरण लेते हुए एसएलपी दायर की थी। प्रारंभिक सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ कोर्ट मित्र के रूप में डिवीजन बैंच का सहयोग कर रहे हैं।
राज्य सरकार की जमीन से नहीं हटे अतिक्रमण
सुनवाई के दौरान डिवीजन बैंच के संज्ञान में यह मामला लाया गया कि केन्ट बोर्ड और डिफेन्स लैंड से अतिक्रमण हट चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार की जमीन पर अभी भी अतिक्रमणकारी काबिज हैं। इस पर डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार की 229 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए की जा रही कार्रवाई की जानकारी माँगी है।
Created On :   21 Jan 2021 1:48 PM IST