फिल्म एट्रोसिटी पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इनकार, सेंसर बोर्ड और प्रोड्यूसर को नोटिस

High Court denies the ban on film Atrocity
फिल्म एट्रोसिटी पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इनकार, सेंसर बोर्ड और प्रोड्यूसर को नोटिस
फिल्म एट्रोसिटी पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इनकार, सेंसर बोर्ड और प्रोड्यूसर को नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मराठी फिल्म एट्रोसिटी की रिलीज पर पर विवाद गरमा गया है। नागरिक हक संरक्षण मंच अध्यक्ष जनार्दन मून ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया कि यह फिल्म धर्म विशेष के लोगों की छवि मलिन कर रही है। फिल्म के प्रोमो में भी कई आपत्तिजनक डायलॉग हैं, जो लोगों की भावनाएं आहत करते है। हालांकि हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर बैन लगाने से साफ तौर पर मना कर दिया है। बता दें कि 23 फरवरी को इस फिल्म को रिलीज किया जाना है। 

याचिकाकर्ता ने इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की थी, मगर बुधवार को इस मामले में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने फिल्म रिलीज पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया। लेकिन हाईकोर्ट ने सेंसर बोर्ड और फिल्म प्रोड्यूसर डॉ.राजेंद्र पडोले को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.अश्विन इंगोले ने पक्ष रखा। ऐसे में ये देखना होगा कि प्रोड्यूसर की तरफ से हाईकोर्ट को क्या जवाब दिया जाता है।

यह है मामला 
याचिकाकर्ता के अनुसार, सेंसर बोर्ड ने प्रोड्यूसर पडोले को फिल्म रिलीज की अनुमति दे रखी है। पडोले ने फिल्म की कहानी और कांसेप्ट भी लिखे हैं। फिल्म के प्रोमो को देखें तो पता चलता है कि यह फिल्म धर्म विशेष के लोगों की भावनाएं आहत कर रही है। समाज के दो धर्मों के लोगों के बीच राजनीतिक रस्साकशी दिखाने की कोशिश की गई है। यहां तक कि फिल्म में कई ऐसे डायलॉग हैं, जिससे धर्म विशेष के लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। यह सीधे-सीधे एट्रोसिटी एक्ट का उल्लंघन है। सेंसर बोर्ड की यह जिम्मेदारी थी कि वे फिल्म से आपत्तिजनक डायलॉग और सीन हटाने के आदेश देता, मगर ऐसा नहीं हुआ। सेंसर बोर्ड ने भी इस प्रकरण में सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952 का उल्लंघन किया है।

Created On :   22 Feb 2018 12:36 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story