मनोनित नगरसेवक को अपात्र ठहराने का फैसला हाईकोर्ट ने किया रद्द, मुंबई मनपा का मामला  

High court dismissed decided to nominated corporator ineligible, case of Mumbai Manpa
मनोनित नगरसेवक को अपात्र ठहराने का फैसला हाईकोर्ट ने किया रद्द, मुंबई मनपा का मामला  
मनोनित नगरसेवक को अपात्र ठहराने का फैसला हाईकोर्ट ने किया रद्द, मुंबई मनपा का मामला  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका में भारतीय जनता पार्टी के नगरसेवक भालचंद्र शिरसाट को अपात्र ठहराने के निर्णय को रद्द कर दिया है। श्री शिरसाट को मनपा की स्थाई समिति के सदस्य के तौर पर मनोनीत नगरसेवक होने के नाते अयोग्य ठहरा दिया गया था। मनपा की आमसभा ने शिरसाट को अपात्र ठहराने के फैसले को सही माना था। मुंबई मनपा के इस निर्णय के खिलाफ शिरसाट ने अधिवक्ता अमोघ सिंह के मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि उन्हें अपात्र ठहराने के निर्णय अवैध व अधिकारों का दुरुपयोग है। जबकि मुंबई मनपा ने दावा किया था कि सिर्फ निर्वाचित नगरसेवक ही स्थाई समिति का सदस्य हो सकता है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान शिरसाट की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमोघ सिंह ने दावा किया कि 1992 में संविधान में हुए संसोधन के बाद मनोनीत नगरसेवक के पद का सृजन किया गया था।

मुंबई मनपा के नियमों के तहत मनोनीत नगरसेवक स्थायी कमेटी का सदस्य होने से नहीं रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि संविधान में किए गए संसोधन के बाद किए गए प्रावधान नियमों से ऊपर होते हैं। लिहाजा मेरे मुवक्किल को अपात्र ठहराने का निर्णय पूरी तरह से अवैध है। पिछले माह खंडपीठ ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। जिसे खंडपीठ ने सोमवार को सुनाते हुए शिरसाट को अपात्र ठहरानेवाले मनपा के फैसले को रद्द कर दिया।   

Created On :   5 April 2021 12:09 PM GMT

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