हाईकोर्ट ने कहा-मेथेनाल खतरनाक रसायन, सरकारी निर्णय के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज 

High court dismisses petitions filed against Methanol for poisonous chemical
हाईकोर्ट ने कहा-मेथेनाल खतरनाक रसायन, सरकारी निर्णय के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज 
हाईकोर्ट ने कहा-मेथेनाल खतरनाक रसायन, सरकारी निर्णय के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मेथेनाल को खतरनाक रसायन की श्रेणी में रखने के राज्य सरकार के निर्णय को सही ठहराया है। जहरीली शराब के सेवन के चलते हुई कई लोगों की मौत के मद्देनजर सरकार ने मिथोनाल को जहरीले रसायन की श्रेणी में रखा था। क्योंकि जांच के दौरान जहरीली शराब में मिथेनाल मिला था। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने मेथेनाल को घातक रसायन की श्रेणी में रखते हुए इसकी विक्री पर कड़े निर्बंध लगाए है। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ मेथेनाल निर्माताओं व कारोबारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि सरकार की ओर से लिए फैसले के चलते मेथेनाल का कारोबार प्रभावित हो रहा है। चूंकी सरकार ने शर्तों के साथ मिथेनाल बेचने की इजाजत दी है इससे बड़े पैमाने पर राज्य के बाहर भी मेथेनाल का व्यापार प्रभावित होगा। सरकार इस तरह से मेथेनाल का नियमन नहीं कर सकती है। मेथेनाल की विक्री के संबंध में सरकार की ओर से जारी की गई 2011 की अधिसूचना मेथेनाल के व्यापार पर विपरीत असर डाल रही है। क्योंकि मेथेनाल के साथ कुछ और रसायन मिलाने के लिए कहा गया है। मेथेनाल कारोबारियों पर इस तरह के निर्बंध लगाने की बजाय सरकार को मेथेनाल में मिलावट करनेवाले लोगों पर नजर रखनी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। मेथेनाल के साथ और कुछ मिलाने पर वह अशुद्ध हो जाएगा। इससे कई उद्दयोगों में मेथेनाल का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। 

मिथेनाल को जहरीले रसायन की श्रेणी में रखने के खिलाफ दायर याचिकाओं को हाईकोर्ट ने किया खारिज

न्यायमूर्ति भूषण गवई व न्यायमूर्ति डीएस नायडु की खंडपीठ के सामने सभी याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि सरकार ने जनहित में मेथेनाल को जहरीले रसायन की श्रेणी में शामिल किया है। क्योंकि अतीत में जहरीली शराब के चलते दो बड़े हादसे सामने आए थे। एक हादसे में 93 लोग मौत का शिकार हुए थे। जबकि दूसरे हादसे में 87 लोगों ने जान गंवाई थी। सरकारी वकील ने कहा कि फर्मा इंडस्ट्री व बडे पैमाने पर ड्रग्स बनानेवाली कंपनियों मेथेनाल को लेकर लगाए गए निर्बंधों से मुक्त रखा गया है। याचिका में उल्लेखित तथ्यों व सरकारी वकील की दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने मेथेनाल निर्माताओं व कारोबारियों की ओर से दायर याचिकाओं का खारिज कर दिया। खंडपीठ कहा कि मेथेनाल का नियमन होना ही चाहिए। क्योंकि यह एक खतरनाक रसायन है। 
 

Created On :   15 May 2019 7:23 PM IST

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