शिक्षण सेवकों को राहत : तीन महीने में नियुक्ति को मंजूरी देने का हो निर्णय

High court gives relief to education workers, Instructions for make decision of Appointment
शिक्षण सेवकों को राहत : तीन महीने में नियुक्ति को मंजूरी देने का हो निर्णय
शिक्षण सेवकों को राहत : तीन महीने में नियुक्ति को मंजूरी देने का हो निर्णय

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को शिक्षण सेवक के रुप में नियुक्त शिक्षकों को बड़ी राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि भर्ती पर रोक लगाने से जुड़ा सरकार का 2 मई 2012 का शासनदेश तीन श्रेणियों के शिक्षकों पर लागू नहीं होता है। पहले जिन शिक्षकों की नियुक्ति 2012 से पहले हुई है। दूसरे ऐसे शिक्षक जिन्हें अंग्रेजी, विज्ञान व गणित विषय के लिए नियुक्त किया गया है। तीसरे ऐसे शिक्षक जिन्हें आरक्षित वर्ग का बैकलाग भरने के लिए नियुक्त किया गया है। लिहाजा सरकार इन तीन श्रेणियों के दायरे में आनेवाले शिक्षकों की नियुक्ति को तीन महीने के भीतर मंजूरी प्रदान करें।

गुरुवार को जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस भारती डागरे की बेंच ने कहा कि यदि सरकार का शिक्षा विभाग तीन महीने में निर्णय लेने में विफल होता है तो हम इस विभाग के अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई करेगे। बेंच के कई शिक्षकों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि कई बार स्कूल प्रबंधन की ओर से मंजूरी से जुड़े प्रस्ताव को भेजने में जरुरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता है। इस वजह से भी कई बार निर्णय नहीं लिए जा सके है।

कई बार मुकदमेबाजी के चलते भी शिक्षा अधिकारी निर्णय नहीं ले पाते है। किंतु मंजूरी देने को लेकर सरकार के रुख से नाराज बेंच ने कहा कि अदालत ने 10 जुलाई 2017 के आदेश में साफ किया था कि सरकार का 2 मई 2012 का शासनादेश तीन श्रेणियों पर लागू नहीं होगा। फिर भी निर्णय नहीं लिया गया है। इसलिए अब शिक्षा विभाग तीन महीने के भीतर उपरोक्त तीन श्रेणियों के शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर निर्णय ले। बेंच ने तीन श्रेणियों के शिक्षकों को अपनी जानकारी सरकारी वकील व हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को भी देने को कहा है। 

 

Created On :   19 July 2018 3:47 PM GMT

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