राज्य के पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ को दंडात्मक कार्रवाई से दी राहत

High court gives relief to former minister of state Hasan Mushrif from punitive action
राज्य के पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ को दंडात्मक कार्रवाई से दी राहत
हाईकोर्ट राज्य के पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ को दंडात्मक कार्रवाई से दी राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में आरोपी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(रांकपा) के नेता व राज्य के पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ को राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने इस मामले में पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 24 अप्रैल 2023 तक मुश्रीफ के खिलाफ किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न करने करें। जबकि मुश्रीफ के प्रकरण से कोई संबंध न होने के बावजूद मामले में रुची लेनेवाले भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया के खिलाफ न्यायिक जांच का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने सोमैया के खिलाफ पुणे के प्रधान जिलान्यायाधीश को जांच करने को कहा है। 

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने कहा कि आखिर जब सोमैया का इस मामले से संबंध नहीं है तो उन्हें मुश्रीफ के प्रकरण से जुड़े दस्तावेज(एफआईआर व कोर्ट के आदेश की प्रति) सबसे पहले कैसे उपलब्ध हो जाती है। इससे पहले मुश्रीफ की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने कहा कि मेरे मुवक्किल के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर दर्ज की गई एफआईआर कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। उन्होंने बताया कि इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया अपनी ताकत का इस्तेमाल करके बेवजह मेरे मुवक्किल(मुश्रीफ) को परेशान कर रहे हैं। सोमैया के इशारे पर मेरे मुवक्किल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मेरे मुवक्किल से संबंधित मामले से जुड़े जो दस्तावेज उन्हें नहीं मिलते, वे सोमैया को बड़ी आसानी से सबसे पहले मिल जाते हैं। यह हैरानीपूर्ण बात है। खंडपीठ के सामने मुश्रीफ को ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है।

याचिका में मुश्रीफ ने खुद के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। याचिका में दावा किया गया है कि मामले से जुड़ी एफआईआर राजनीतिक प्रतिशोध के चलते दर्ज की गई है। ताकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले में सक्रिय हो सके। सरकारी वकील ने मुश्रीफ की याचिका का कड़ा विरोध किया। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह 24 अप्रैल तक मुश्रीफ के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न करें। जबकि पुणे जिले प्रधान न्यायाधीश को इस मामले में सोमैया को लेकर लगाए गए आरोपों की जांच करने को कहा। 

मुश्रीफ के खिलाफ कोल्हापुर के मुरगूड पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई हैं। यह एफआईआर विवेक कुलकर्णी नामक शख्स की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। एक साजिश के तहत एफआईआर दर्ज की गई है ताकि ईडी को इस मामले में सक्रिय किया जा सके। याचिका में मुश्रीफ ने कहा है कि उनके खिलाफ कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के तहत भी कार्रवाई शुरु की गई थी। इस कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। याचिका में मुश्रीफ ने धोखाधड़ी के आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है। कोल्हापुर में मुश्रीफ के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक मुश्रीफ ने साल 2012 में एक बैठक के दौरान लोगों से दस हजार रुपए इकट्ठे किए थे। शिकायतकर्ता के मुताबिक मुश्रीफ की ओर से लोगों से जो पैसे लिए गए उसको लेकर कोई शेयर सर्टिफिकेट नहीं जारी किए गए। 

Created On :   10 March 2023 1:33 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story