हाईकोर्ट: 'मैं भी तो माँ हूं माय लॉर्ड, खिलौने से खेलने की उम्र में बच्ची को कैसे माँ बन जाने दूं

High Court: I too am mother my lord, to a child in the age of playing with toys How to be a mother
हाईकोर्ट: 'मैं भी तो माँ हूं माय लॉर्ड, खिलौने से खेलने की उम्र में बच्ची को कैसे माँ बन जाने दूं
हाईकोर्ट: 'मैं भी तो माँ हूं माय लॉर्ड, खिलौने से खेलने की उम्र में बच्ची को कैसे माँ बन जाने दूं



 डिजिटल डेस्क जबलपुर। रिश्ते को कलंकित करने का एक मामला हाईकोर्ट पहुँचा है। एक महिला ने याचिका दायर कर सनसनीखेज आरोप लगाया है कि उसके ही देवर ने उसकी 11 साल की बच्ची का रेप किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। अब खिलौने से खेलने की उम्र वाली बच्ची का गर्भपात कराने महिला  द्वारा लगाई गई गुहार को संजीदगी से लेते हुए जस्टिस नंदिता दुबे ने बच्ची का मेडिकल परीक्षण करने 24 घंटे में तीन चिकित्सकों की कमेटी गठित करने के निर्देश दिए, साथ ही अगले 24 घंटों में टीम को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देकर अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को निर्धारित की है।
यह कहा चाचिका में-
निवाड़ी जिले में रहने वाली महिला की ओर से दायर इस याचिका में कहा गयाहै कि और उसके पति अप्रैल माह की शुरूआत में काम के लिए बानमौर चले गये थे। चूँकि उसकी 11 साल की बच्ची कक्षा पाँचवी में पढ़ती थी। बच्ची की पढ़ाई को देखते हुए उसने बच्ची तथा उसके छोटे भाई को चाचा के पास छोड़ दिया। सितम्बर माह के अंत में जब महिला अपने पति के साथ वापस अपने गांव लौटी तो उसे बच्ची बेटी का पेट उभरा हुआ लगा। पूछताछ करने पर बच्ची ने पूरा घटनाक्रम बताते हुए कहा कि चाचा उसके साथ गलत काम करता था और किसी को बताने पर छोटे भाई को जान से मारने की धमकी भी देता था। इसके बाद महिला ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। याचिका में कहा गया हैकि बेटी का गर्भपात की अनुमति पाने उसने टीकमगढ़ की जिला न्यायालय में आवेदन दायर किया।
यह कहा न्यायालय ने-
जिला न्यायालय ने गजरा राजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर की रिपोर्ट का अवलोकन कर कहा था कि बच्ची के गर्भ में 28 से 30 सप्ताह का गर्भ है। चिकित्सीय समापन अधिनियम 1971 के प्रावधानों के मददेनजर जिला अदालत ने महिला का आवेदन खारिज कर दिया। इस पर महिला ने हाईकोर्ट में गुहार लगाते हुए कहा कि मासूम बच्ची मानसिक व शरीरिक तौर पर बच्चे को जन्म देने तथा पालन-पोषण की स्थिति में नहीं है। बच्चे को जन्म देने में उसके जीवन को भी खतरा होगा।
डॉक्टरों की टीम करो गठित-
मामले पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिका में लगे आरोपों को अदालत ने काफी संजीदगी से लिया। सुनवाई के बाद अदालत ने कहा है कि 24 घंटो के भीतर बच्ची की मेडिकल जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ डॉक्टरो की कमेटी गठित की जाये। कमेटी अगले 24 घंटों में जांच करके अपनी रिपोर्ट न्यायालय में पेश करे। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता महिला की ओर से अधिवक्ता कबीर पॉल और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता अभय पाण्डेय ने पक्ष रखा।

Created On :   15 Oct 2019 6:10 PM GMT

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