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दैनिक भास्कर हिंदी: हाईकोर्ट : 10 वीं की परीक्षा कराना चाहता है आईसीएसई, हाउसिंग सोसायटी में प्रवेश के नियमों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कॉउन्सिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन बोर्ड (आईसीएसई) ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि परीक्षा का आयोजन गैर अध्यापन से जुड़ी गतिविधि है। इसलिए वह कक्षा 10 वीं की परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में है। जबकि राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने परीक्षा के आयोजन का विरोध किया है। महाधिवक्ता के मुताबिक कोरोना संक्रमण के कारण महाराष्ट्र में गंभीर स्थिति है। इसलिए वह परीक्षा के आयोजन के पक्ष में नहीं है। हाईकोर्ट में पेशे से वकील अरविंद तिवारी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है।याचिका में आईसीएसई बोर्ड की ओर से 2 जुलाई से 12 जुलाई तक होने वाली परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई हैं। ऐसे ही 1 जुलाई से इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट बोर्ड की 12 वीं की परीक्षा को लेकर भी ऐतराज जताया गया है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना के चलते बच्चों के जीवन व स्वास्थ्य को खतरा है। इसलिए बच्चों को उनके पुराने प्रदर्शन के आधार पर पास कर दिया जाए। शुक्रवार को आईसीएसई बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व सचिव का हलफनामा मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने पेश किया गया।हलफनामे के मुताबिक आईसीएसई बोर्ड राष्ट्रीय स्तर का बोर्ड है। केंद्र सरकार ने परीक्षा के आयोजन की अनुमति दी है। बोर्ड परीक्षा के आयोजन के दौरान सामाजिक दूरी,मास्क पहनने, सैनिटाइजर रखने सहित सुरक्षा से जुड़े सभी नियमों का पालन करने को तैयार है। राज्य में कक्षा 10 वीं में 23347 विद्यार्थी हैं। हलफनामे में याचिका को आधारहीन बताया गया है।
हलफनामे के अनुसार के पूरे देश में बोर्ड के2605 स्कूल हैं। बोर्ड पहले कोरोना के चलते एक बार परीक्षा रद्द कर चुका है। अब केंद्र सरकार ने परीक्षा के आयोजन की अनुमति दे दी है। इसके अलावा जो छात्र कोरोना संक्रमित हैं अथवा प्रतिबंधित क्षेत्र में रहते हैं अथवा उनके परिवार के लोग कोरोना बाधित हैंऔर वे परीक्षा में शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं, ऐसे बच्चे सितंबर में होनेवाली परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा परीक्षा गैर अध्यापन से जुड़ी गतिविधि है। इसलिए मौजूदा परिस्थिति में परीक्षा का आयोजन हो सकता है। याचिकाकर्ता वकील अरविंद तिवारी ने इसका विरोध किया और कहा कि फिलहाल बच्चों की मानसिक स्थिति परीक्षा देने की नहीं है। इसलिए परीक्षा न ली जाए। याचिका पर सोमवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
कोरोना के कारण कितने कैदियों ने मांगी जमानत, निचली अदालतों से पूछा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य की सभी निचली अदालतों से जानना चाहा है कि उसके यहां कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर कैदियों को अंशकालिक जमानत पर रिहा करने के कितने आवेदन दायर हुए हैं। और निचली अदालतों ने ऐसे कितने आवेदनों का निपटारा किया है। जिससे जेल में भीड़ कम हो और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। वर्तमान में राज्य की जेलों में 37 हजार कैदी बंद है जबकि जेल की क्षमता 24 हजार कैदियों की है। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया था कि जेल से कैदियों को अंशकालिक जमानत पर रिहा करने के लिए 14400 आवेदन दायर किए जाएंगे। इस पर हाईकोर्ट ने निचली अदालतों को इन आवेदनों का शीघ्रता से निपटारा करने को कहा था। हाईकोर्ट में ‘पीपल यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी’ नामक संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में कैदियों की कोरोना से सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था किए जाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील मिहिर देसाई ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद निचली अदालतों में कैदियों के जमानत आवेदन पर शीघ्रता से सुनवाई नहीं हो रही है। इस पर खंडपीठ ने निचली अदालतों को दायर किए गए और निपटाए गए जमानत आवेदन का ब्यौरा देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही जेल प्रशासन को स्पष्ट करने को कहा कि जेल में कैदियों की जांच के लिए क्या व्यवस्था है। क्या कैदियों को वीडियो कॉलिंग की सुविधा दी गई है? गौरतलब है कि अब तक करीब 8 हजार कैदियो को जमानत पर जेल से छोड़ा गया है।
हाउसिंग सोसायटी में प्रवेश के नियमों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
कोरोना के प्रकोप के बीच हाउसिंग सोसायटी की ओर से बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश को लेकर मनमाने तरीके से बनाए जा रहे नियमों को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई हैं। याचिका में कहा गया है कि हाउसिंग सोसायटी मेहमान और नौकर को प्रवेश देने से पहले उनसे कोरोना न होने का प्रमाण मांग रही हैं। जबकि यह इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और राज्य सरकार की ओर से मिशन बेगिन के नाम से जारी किए गए दिशा-निर्देशों के खिलाफ है। यह याचिका पेशे से वकील युसुफ इकबाल ने दायर की हैं। याचिका के मुताबिक राज्य सरकार ने फिर से स्थिति को पहले जैसे सामान्य बनाने के लिए लॉकडाउन में काफी ढील दी है। जिससे लोग आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सके। लेकिन हाउसिंग सोसायटी की ओर से मनमाने तरीके से बनाए जा रहे अतार्किक नियम सोसायटी में आने वाले आगंतुकों, घरेलू नौकरों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। इसलिए राज्य सरकार को मुंबई महानगर क्षेत्र में स्थित सभी हाउसिंग सोसायटी के लिए समान दिशा- निर्देश जारी करने का आदेश जारी किया जाए।
किसानों से शेष कपास कब खरीदोगे? राज्य सरकार से मांगा जवाब
उधर औरंगाबाद में बॉम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पांच जून को राज्य सरकार व पणन विभाग को कपास उत्पादक किसानों की शेष कपास 12 जून तक खरीदने के आदेश दिए थे। इस पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान खंडपीठ के न्यायमूर्ति प्रसन्न वराले व न्यायमूर्ति आरजी अवचट की पीठ ने राज्य सरकार व कपास पणन महासंघ से कपास खरीदी कब तक करोगे? यह सवाल पूछ कर पक्ष रखने के आदेश देकर याचिका की सुनवाई 16 जून को रखी है। याचिकाकर्ता किसान की कपास खरीदी करने से याचिका का निपटान करने का अनुरोध सरकार ने किया था। यह केवल याचिकाकर्ता किसान का प्रश्न नहीं है। राज्य के बगैर खरीदी गई कपास की समस्या होने का पक्ष रखा गया। किसानों की अनाज, पानी की सुविधा नहीं होने से कपास परिचालन करने वाले वाहनों को अतिरिक्त किराया देने की बात खंडपीठ के समक्ष रखी गई। किसानों ने एड विशांत कदम के जरिए खंडपीठ में याचिका दायर कर जिला उपनिबंधक के आदेश को चुनौती दी थी। राज्य सरकार की ओर से एड डीआर काले ने पक्ष रखा।
संभागीय युवा संवाद: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि विभाग द्वारा संभागीय युवा संवाद का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि संकाय एवं समर्थ आत्मनिर्भर भारत केन्द्र तथा पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग, म.प्र. शासन के संयुक्त तत्वावधान में संभागीय युवा संवाद का आयोजन किया गया। इस मौके पर पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. एस. के. परनाम विशेष रूप से उपस्थित थे। उन्होंने संभागीय युवा संवाद कार्यक्रम आयोजन के महत्वों पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे पशु चिकित्सा एवं डेयरी विकास विभाग की समस्त योजनाओं में से स्वरोजगार हेतु योजना चुने और विभाग के एक्सपर्ट अधिकारियों का मार्गदर्शन लेकर अपनी इकाई स्थापित करें। वहीं दुग्ध संघ भोपाल से डॉ. अंजली खरे द्वारा छात्रों एवं फैकल्टी सदस्यों को दुग्ध संकलन एवं दुग्ध वितरण गतिविधियों में उपलब्ध स्वरोजगार की संभावनाओं की विस्तृत जानकारी दी तथा उन्हे आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर डाॅ. परनाम ने विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों हेतु कड़कनाथ मुर्गी की डिमान्स्ट्रेशन इकाई स्थापित करने की इच्छा जताई। अंत में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मुख्य वक्ताओं से अनेक प्रश्न किए और संकाओं का समाधान किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के डीन डॉ. अनिल कुरचानिया द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। वहीं अंत में डॉ. अशोक वर्मा, विभागाध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का समन्वय और मंच संचालन श्री एम.ई. खान द्वारा किया गया।
क्लोजिंग बेल: सेंसेक्स 443 अंक चढ़ा, निफ्टी 15,500 के ऊपर बंद हुआ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच देश का शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के चौथे दिन (23 जून, गुरुवार) बढ़त के साथ बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही हरे निशान पर रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 443.19 अंक यानी कि 0.86% की बढ़त के साथ 52,265.72 के स्तर पर बंद हुआ।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 143.35 अंक यानी कि 0.93% की बढ़त के साथ 15,556.65 के स्तर पर बंद हुआ।
जबकि बैंक निफ्टी में 289.70 अंकों की बढ़त रही एवं इसने 33135 पर समाप्ति दी। निफ्टी के 50 शेयरों में से 45 हरे रंग में बंद हुए जो व्यापक खरीदारी दर्शाते हैं। निफ्टी एनर्जी को छोड़ कर शेष सभी सभी क्षेत्र विशेष में तेजी देखी गयी। निफ्टी ऑटो में सर्वोच्च लाभ रहा। निफ्टी के शेयरों में मारुति, आयशर मोटर, हेरोमोटो तथा एमएंडएम में सर्वाधिक बढत रही जबकि रिलायंस, कोल इंडिया, पावर ग्रिड तथा ग्रासिम में सबसे अधिक गिरावट रही। इंडिया विक्स 20.68 पर 1.97 प्रतिशत की हानि पर बंद हुआ।
तकनीकी आधार पर निफ्टी ने बुलिश कैंडल बनाया है परंतु 21 फोर आवरली मूविंग एवरेज 15647 पर अवरोध का भी सामना किया है जो इस बात का संकेत है कि इस स्तर को पार करने पर अधिक तेजी की चाल देखी जा सकती है। निफ्टी 15200 -15700 की सीमा में ट्रेड कर रहा है, दोनों स्तरों में किसी भी तरफ निफ्टी के उल्लंघन करने पर तेजी या मंदी की किसी दिशा विशेष की चाल बनेगी। निफ्टी ने 50 आवरली मूविंग एवरेज के ऊपर बन्दी दी है जो तेजी आ सकने के संकेत है।
निफ्टी के ओपन इंटरेस्ट डेटा में कॉल में सर्वाधिक ओपन इंटरेस्ट 16000 पर है, पुट में सबसे अधिक ओपन इंटरेस्ट 15500, फिर 15300 पर है। मोमेन्टम संकेतक स्टॉकिस्टिक दैनिक चार्ट पर सकारात्मक क्रॉसओवर के साथ ट्रेड कर रहा है जो निफ्टी में तेजी का द्योतक है। निफ्टी 15200 पर सपोर्ट ले सकता है, तेजी आने पर 15700 एक तात्कालिक अवरोध है। बैंक निफ्टी का सपोर्ट 32300 तथा अवरोध 33800 है। कुल मिलाकर शेयर विशेष की चाल देखी जा सकती है, 15700 के ऊपर निफ्टी में तेजी की रैली आ सकती है। मार्केट गिरावट पर खरीदारी के क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है।
पलक कोठारी
रीसर्च एसोसिएट
चॉइस ब्रोकिंग
Source: Choice India
मूवर्स और पैकर्स: कैसे एश्योरशिफ्ट ने भारत में स्थानांतरण के अनुभव को बेहतर बनाया है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में बढ़ती जनसंख्या, शैक्षिक प्रगति और मूल तोर से नौकरी के अवसर के कारण, देश के अंदर और विदेश के कई शहरों में, प्रवास करने वाले अन्य शहरों के लोगों की संख्या उल्लेखनीय मत्रा से वृद्धि पाई है।
इस कारण से स्थानांतरण सेवा के मांग में तेजी से वृद्धि हुई। कई पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों की स्थापना भी हुई है जो घर, कार्यालयों के सामना, कार, बाइक, आदि को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करती हैं। हालांकि, किसी भी नए उत्पाद के साथ, कई नकली और गैर-पेशेवर चलती कंपनि स्थापित होते हैं। धीरे-धीरे भारतीय स्थानांतरण बाजार में इस तरह के कंपनि आकर बेहद कम लागत वाली कोटेशन की पेशकश करके निर्दोष ग्राहकों का शिकार करना शुरू कर दिया। वे गुणवत्ता सेवाओं, अतिरिक्त सहायता आदि जैसे कई वादे करते हैं, लेकिन अंत में अक्सर ग्राहकों के पैसे और सामान लूट लेते हैं।
स्व-चलन के साथ आने वाली कठिनाइयों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, पेशेवर स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को नियुक्त करने की सलाह दी जाती है लेकिन कंपनी के इतिहास और पृष्ठभूमि की जांच कर लेने के बाद। आपको एक पैकर्स मूवर्स कंपनी के पंजीकरण दस्तावेजों और पहले के ग्राहकों की कई समीक्षाएं पढ़ कर, उनका व्यापक शोध करना चाहिेए। लेकिन सामान्य ज्ञान के अनुसार, दस्तावेज़ीकरण, कंपनी विवरण, कार्यालय स्थान आदि की पुष्टि करना आसान काम नहीं है और पहली बार जांच करने वाले के लिए अत्यधिक समय लग सकता है।
प्रत्येक ग्राहक पहली कोशिश में अपने निकट के ईमानदार पैकर्स एंड मूवर्स कंपनी से संपर्क कर रहा है और बाजार में धोखाधड़ी सेवा प्रदाताओं का खात्मा हो रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए एश्योरशिफ्ट की स्थापना की गई थी।
AssureShift Packers and Movers एक मानक बन गया है यह भारत का सबसे अच्छी ऑनलाइन पैकर्स और मूवर्स निर्देशिका है, जिसमें 25 से अधिक शहरों के शीर्ष पैकर्स और मूवर्स की सूची है। 2017 की शुरुआत में लॉन्च होने के बाद से, एश्योरशिफ्ट ने देश भर में 50,000 से अधिक परिवारों और व्यक्तियों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है। हमारे पार्टनर पैकर्स और मूवर्स के पास पर्याप्त अनुभव है और वे घरेलू सामान पैकिंग और मूविंग, कार ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज, बाइक शिफ्टिंग सर्विसेज, ऑफिस शिफ्टिंग आदि जैसे सभी प्रकार के सामानों को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। हम सुनिश्चित करते हैं इस दौरान हमारी पार्टनर कंपनियां उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं, किफायती शुल्क, समय पर घर से पिकअप और डिलीवरी, पेशेवर व्यवहार जैसे पूर्ण ग्राहक सहायता का आश्वासन दे रही हैं।
एक बार जब ग्राहक पूछताछ फॉर्म भरते हैं, तो मुश्किल से 10 क्लिक के भीतर, एश्योरशिफ्ट निर्दिष्ट स्थानांतरण आवश्यकताओं के अनुसार ग्राहक के निकटतम 3 शीर्ष पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों को संदर्भित करता है। ग्राहक सटीक स्थानांतरण शुल्क प्राप्त करने के लिए प्री-मूव सर्वेक्षण कर सकते हैं और दरों, प्रोफाइल, समीक्षाओं और रेटिंग की तुलना करके सबसे उपयुक्त पैकर्स और मूवर्स कंपनी के साथ सौदा कर रहे हैं।
एश्योरशिफ्ट का 4-चरणीय तरीका एक सुनिश्चित स्थानांतरण के लिए
#1 पूर्ण तरह से बैकग्राउंड की जांच
एक पैकर्स और मूवर्स कंपनी की विश्वसनीयता साबित करने वाले मुख्य कागज-पत्र में से एक यह है कि उनके पास सरकार द्वारा दिए गए आवश्यक पंजीकरण दस्तावेज होना चाहिए। एश्योरशिफ्ट निम्न प्रकार से जाँच करके स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं की पूरी गहराई से पृष्ठभूमि का सत्यापन करता है:
- कंपनी जीएसटी पंजीकरण,
- कार्यालय सेटअप, स्थान और प्रमाण,
- ओनर आईडी प्रूफ,
- संपर्क विवरण,
- ग्राहक प्रतिक्रिया के साथ पूर्व कार्य अनुभव,
- Google रेटिंग और समीक्षाएं।
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों को परेशानी मुक्त और विश्वसनीय पैकिंग मूविंग सेवाएं प्रदान करने और उनके स्थानांतरण के अंत में 100% संतुष्टि की सुनिश्चित करता है।
#2 बजट के अनुकूल दरों पर सर्वोत्तम मिलान वाली सेवाएं
हमारे पार्टनर पैकर्स एंड मूवर्स के पास रिलोकेशन सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शन करने का अच्छा अनुभव है और ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार किसी भी आइटम को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। वे शुरू से अंत तक पूरी प्रक्रिया को संभालने में सक्षम हैं, यानी, एक अच्छी तरह से नियोजित रणनीति तैयार करना, पैकिंग, लोडिंग, पूरी सुरक्षा के साथ वस्तुओं का परिवहन, और गंतव्य पर अनलोडिंग और अनपैकिंग करना।
युक्ति: भारत में सबसे सटीक पैकर्स और मूवर्स शुल्क प्राप्त करने के लिए (किसी भी आइटम को देश में किसी भी स्थान पर ले जाने के लिए), हमेशा एक भौतिक प्री-मूव सर्वेक्षण अनुरोध करें। जब मूवर्स व्यक्तिगत रूप से वस्तुओं का सर्वेक्षण करते हैं, तो उन्हें सटीक आवश्यकताओं का बेहतर विचार मिलता है और वे स्थानांतरण लागत की अधिक सटीक गणना करने में सक्षम होते हैं।
#3 लाइटनिंग-फास्ट रिस्पांस और एंड-टू-एंड सपोर्ट
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों के किसी भी प्रश्न का तुरंत जवाब देकर आपके हर कदम को परेशान मुक्त बनाने के लिए निरंतर काम करता है।
- फॉर्म जमा करते ही ग्राहकों को तुरंत रेफर किए गए मूवर्स की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
- हमारे मूवर्स भी जल्दी से स्थानांतरण लागत का अनुमान लगाते हैं या भौतिक पूर्व-चाल सर्वेक्षण के लिए घर भी आ सकते हैं।
- एश्योरशिफ्ट के उपयोग सेआसान इंटरफेस के साथ, कई मूवर्स के विवरणों की तुलना कम समय में आसानी से की जा सकती है (जैसे, चेकिंग शुल्क, सेवाओं की पेशकश, रेटिंग, समीक्षा, आदि)।
साथ ही, एश्योरशिफ्ट सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान आवश्यक समर्थन मिले, यानी अनुरोध जमा करने के समय से लेकर सामान की अंतिम डोरस्टेप डिलीवरी तक।
# 4 नियमित प्रतिक्रिया और गुणवत्ता संरक्षण
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों की पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। ग्राहकों से नियमित फीडबैक लेने से संभावित ग्राहकों को अच्छी तरह से सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है और साथ ही साथ हर दिन काम करने की प्रक्रिया में सुधार होता है। एश्योरशिफ्ट को ग्राहकों द्वारा सामना की स्थानांतरण के समय आने वाली विभिन्न समस्याओं जैसे कि अचानक मूल्य वृद्धि, सामान का नुकसान, स्थानांतरण के दौरान मूवर्स के अनैतिक व्यवहार पता चलता रहता है।
प्राप्त शिकायतों की गंभीरता के आधार पर, एश्योरशिफ्ट सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करता है, :जैसे
- गैर-पेशेवर मूवर्स और पैकर्स को अस्थायी रूप से निलंबित या वेबसाइट से उनके व्यावसायिक प्रोफाइल को स्थायी रूप से हटाकर दंडित करना, साथ ही साथ
- लिस्टिंग में उच्च रैंक मैं रख के शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को पुरस्कृत करना ।
निष्कर्ष के तौर पर
एश्योरशिफ्ट समझती है कि कई सारे सामान ले जाना जोखिम भरा हो सकता है और वित्तीय, मानसिक और शारीरिक दबाव पैदा कर सकता है, खासकर बिना किसी पूर्व अनुभव से किया गया हो तो। इसके अलावा, बहुत से ग्राहक वास्तव में भरोसेमंद स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को किराए पर लेने का सही तरीका भी नहीं जानते हैं। और तो और क्योंकि वर्तमान समय में कई धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां भी बाजार में स्थापित हैं।
धोखेबाज पैकर्स और मूवर्स को खत्म करने के मिशन के साथ, एश्योरशिफ्ट ने स्थानांतरण कंपनियों के काम काज़ की प्रक्रिया में सुधार लाई हे, और इसके परिणामस्वरूप, भारत में पैकिंग और स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आया है। एश्योरशिफ्ट के माध्यम से जाने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि भरोसेमंद पैकर्स और मूवर्स ढूंढना आसान हो जाता है, और बजट के अनुसार सही कंपनी मिनटों के अंदर मिल जाता है।
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