हाईकोर्ट ने मोहपा नगर परिषद पर लगाई 50 हजार रुपए की कॉस्ट

High Court imposed a cost of 50 thousand rupees on Mohapa Municipal Council
हाईकोर्ट ने मोहपा नगर परिषद पर लगाई 50 हजार रुपए की कॉस्ट
नागपुर हाईकोर्ट ने मोहपा नगर परिषद पर लगाई 50 हजार रुपए की कॉस्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी कार्यालयों में एक छोटा सा काम करा पाना किसी जंग जीतने से कम नहीं है। इस टेबल से उस टेबल और दस्तावेजों की मांग से एक आम आदमी जब तक बेहाल न हो जाए, तब तक उसका काम नहीं होता। इस सरकारी रवैये को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने जमकर लताड़ा है। "निर्धारित प्रारूप" में आवेदन की जिद के कारण सेवानिवृत कर्मचारी का वेतन लाभ रोकना कलमेश्वर के पास स्थित मोहपा नगर परिषद को महंगा पड़ा है। हाईकोर्ट ने नगर परिषद पर 50 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है। जुर्माना नहीं भरने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

सेवानिवृत्ति लाभ देने में टाल-मटोल : याचिकाकर्ता प्रकाश मोगरे नगर परिषद मे जमादार थे। वर्ष 2015 में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से सेवानिवृत्ति ले ली। इसके बाद उनके निवृत्ति वेतन देने में नगर परिषद टाल-मटोल करने लगी। ऐसे में उन्हें हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें पेंशन मिलने लगी, लेकिन इसके बाद सातवां वेतन आयोग लागू हुआ। याचिकाकर्ता को इस आयोग के अनुसार पेंशन मिलनी अपेक्षित थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने दूसरी बार हाईकोर्ट की शरण ली।

गजब दलील- नप के पास पैसे नहीं : इस बार मुख्याधिकारी ने हाईकोर्ट में शपथपत्र दिया कि याचिकाकर्ता ने तय प्रारूप में आवेदन नहीं िदया, इस कारण उन्हें लाभ नहीं दिया गया। साथ ही नगर परिषद के पास पर्याप्त राशि नहीं होने की भी दलील दी। हाईकोर्ट ने इस जवाब को बड़ा ही असंवेदनशील करार दिया। हाईकोर्ट की नाराजगी को देखते हुए नगर परिषद ने शपथ-पत्र दिया कि वे आगामी तीन महीने में याचिकाकर्ता के एरियरर्स जारी कर देंगे। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने नगर परिषद पर 50 हजार रुपए की कॉस्ट लगा कर याचिका का निपटारा कर दिया।

 

Created On :   31 Aug 2022 7:00 PM IST

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