हाईकोर्ट ने एमपी पीएससी की भर्ती प्रक्रिया से रोक हटाई - याचिका के निर्णयाधीन रहेंगे प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम

High court lifts ban on MP PSC recruitment process - preliminary exam results to be decided by petition
हाईकोर्ट ने एमपी पीएससी की भर्ती प्रक्रिया से रोक हटाई - याचिका के निर्णयाधीन रहेंगे प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम
हाईकोर्ट ने एमपी पीएससी की भर्ती प्रक्रिया से रोक हटाई - याचिका के निर्णयाधीन रहेंगे प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने बुधवार को जारी आदेश में संशोधन करते हुए पीएससी की भर्ती प्रक्रिया पर लगाई गई रोक बुधवार को हटाई है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला ने केवल पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को याचिका के निर्णयाधीन  रखने का आदेश जारी किया है। डिवीजन बैंच ने पीएससी की ओर से दायर आवेदन पर सुनवाई के बाद संशोधित आदेश जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 4 फरवरी को नियत की गई है।पीएससी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत सिंह ने आवेदन दायर कर कहा कि हाईकोर्ट ने 21 जनवरी को पीएससी की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को याचिका के निर्णयाधीन रखने का आदेश दिया है। आवेदन में आदेश को स्पष्ट करने का अनुरोध किया गया। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने आदेश में संशोधन कर दिया।
यह है मामला
सामाजिक संगठन सपाक्स एवं अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया है कि पीएससी की प्रारंभिक परीक्षाओं के परिणाम जारी करते समय आरक्षण प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में अनारक्षित 40 प्रतिशत, ओबीसी 27 प्रतिशत, एससी 20 प्रतिशत, एसटी 16 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस 10 प्रतिशत यानी कुल 113 प्रतिशत आरक्षण कर दिया गया है। इसके साथ ही सिविल सेवा नियम 2015 में किए गए संशोधन को भूतलक्षी प्रभाव से लागू कर दिया गया है। मैरिट में आने वाले आरक्षित वर्ग के आवेदकों को अनारक्षित सूची में शामिल नहीं किया गया है। इससे आरक्षित वर्ग के कट ऑफ मॉक्र्स बढ़ गए हैं। 21 जनवरी को हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर पीएससी की संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को याचिका के निर्णय के अधीन रखने का आदेश जारी किया था। याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट संतोष पाल, रामेश्वर सिंह ठाकुर, हर्ष बुंदेला और विनायक शाह पैरवी कर रहे हैं। राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली पैरवी कर रहे हैं।

 

Created On :   28 Jan 2021 8:30 AM GMT

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