- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- कीटनाशक से मौत मामले में राज्य...
कीटनाशक से मौत मामले में राज्य सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यवतमाल जिले में कीटनाशक से हुई मृत्यु मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। साथ ही मामले में कृषि आयुक्त और यवतमाल जिलाधिकारी से शपथपत्र भी मांगा। कोर्ट ने दोनों से अब तक हुई कानूनी कार्रवाई का ब्यौरा मंगाया। इसके अलावा कोर्ट ने ऐसी घटनाएं रोकने के लिए योजना की भी जानकारी पेश करने के आदेश दिए हैं। बीते दिनों जिले में कपास और सोयाबीन की फसल में कीटनाशक के छिड़काव से किसानों की मौत हुई थी। इस मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता जम्मू आनंद ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ितों को मुआवजे का मुद्दा उठाया है।
यह है मामला
दायर याचिका में कीटनाशक अधिनियम-1971 को लागू करने पर जोर दिया है। याचिकाकर्ता का दावा है कि यदि सरकार और प्रशासन यह अधिनियम सख्ती से लागू करता तो यवतमाल में हुए हादसे को टाला जा सकता था। याचिका में यह भी आरोप है कि अधिनियम के दिशा-निर्देशों को प्रशासन ने जानबूझ कर नजरअंदाज किया है। ताकि कीटनाशक कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा सके। याचिकाकर्ता का आरोप है कि सरकार और प्रशासन ने जानबूझ कर कीटनाशक उत्पादक कंपनियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से अधिनियम लागू नहीं किया।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से इस मामले में एसआईटी से जांच करा कर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही जिम्मेदार विक्रेताओं की दुकानें और गोदाम सील होने चाहिए। इस दुर्घटना में मृतकों के परिवार को 20 लाख रुपए और घायलों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने के आदेश जारी करने की मांग की गई है।
राज्य कृषिमंत्री फुंडकर पर फेंके कपास के पौधे
वहीं,कपास पौधों पर कीटनाशकों के छिड़काव से 10 किसान और 9 मजदूरों की मौत हो चुकी है, तो वहीं 700 पीड़ित अस्पतालों में भर्ती हैं। इसे लेकर किसान संगठनों में खासा आक्रोश है। जिसके चलते शुक्रवार को कीटनाशक प्रभावित परिवारों से मिलने पहुंचे कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर के काफिले पर किसानों ने कपास के पौधे फेंके। साथ ही सरकार विरोधी नारे लगाए।
Created On :   7 Oct 2017 8:05 AM IST