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कचरा और गंदगी को लेकर हाईकोर्ट ने नागपुर प्रशासन को लगाई फटकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर । पूरे देश में स्वच्छता मिशन जोर-शोर से चल रहा है। मिशन से लोगों में जागरूकता भी आई है लेकिन महानगरपालिका द्वारा कचरे को लेकर कोताही बरतने का मामला सामने आया तो मनपा को कोर्ट की फटकार सुननी पड़ी। साफ-सफाई से जुड़े मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने शहर के कचरे के सही प्रबंधन के लिए नागरिकों को सूखे और गीले कचरे की पेटी देने के आदेश नागपुर महानगरपालिका को जारी किए हैं।
कीमत वसूलें लेकिन दें गीले और सूखे कचरे किले अलग पेटी
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि, लाभार्थी नागरिकों से बाजार मूल्य के अनुसार ही पेटियों की कीमत वसूलें। इसी के साथ खामला परिसर में कचराघर बन चुकी संचयनी कॉम्प्लेक्स की इमारत के मालिक सुभाष पाटील के खिलाफ भी हाईकोर्ट ने 25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। दरअसल खामला क्षेत्र के निवासियों ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिसमें संचयनी कॉम्प्लेक्स में पड़े कचरे और गंदे पानी के कारण डेंगू के मच्छर फैलने का दावा किया है। इस मामले में बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शहर के अन्य क्षेत्र में भी कचरा प्रबंधन की स्थिति पर चर्चा हुई।
तस्वीरें कोर्ट में पेश कर दिया कुप्रबंधन का सबूत
याचिकाकर्ता ने शहर के अन्य क्षेत्र में कचरे के कु-प्रबंधन की तस्वीरें कोर्ट के सामने प्रस्तुत कीं। इसमें पांढराबोडी बस्ती, अंबाझरी के साथ सिविल लाइंस क्षेत्र के कचरे की तस्वीरें भी शामिल की गईं। इसे देख कर हैरानी हुई। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि कनक वेस्ट मैनेजमेंट कचरे का निपटारा ठीक से नहीं कर रहा है। ऐसे में यह मामला न्यायालय में चल रहा है। बता दें कि मनपा ने वैसे तो सफाई अभियान बड़े पैमाने पर शुरू किया है। जनजागरण के सारे प्रयास मनपा द्वारा किए जा रहे हैं। स्वच्छता एप भी जारी किया है। ऐसे में कचरा प्रबंधन को लेकर भी गंभीरता बरतनाा जरूरी माना जा रहा है।

Created On :   25 Jan 2018 2:12 PM IST