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मक्का आयात पर हाईकोर्ट नरम, सरकार को लगाई फटकार
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। मक्का (पॉपकाॅर्न मेज) आयात करने वाली एक कंपनी की याचिका पर केंद्र सरकार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद कंपनी को विदेशी मक्का निर्यात करने की अनुमति प्रदान की है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि देश की फॉरेन ट्रेड नीति में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो कंपनी को मक्का निर्यात करने से प्रतिबंधित करता हो। मामले में याचिकाकर्ता कंपनी की ओर से एड.विक्रम ननकानी, एड.श्याम देवानी और केंद्र की ओर से एड.उल्हास औरंगाबादकर और एड.मुग्धा चांदुरकर ने पक्ष रखा।
यह था विवाद
शाह नानजी नागसी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके दावा किया था कि वे मक्के के स्टार्च पाउडर निर्यात करने का काम करते हैं। फॉरेन ट्रेड पॉलिसी के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट ऑथेराइजेशन स्कीम (डीएफआईए) के तहत आवेदन करने पर आयात शुल्क नहीं लगता। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्हें इस संबंध में केंद्र सरकार के पास आवेदन किया था, लेकिन लंबा समय बीतने के बाद भी उन्हें अनुमति नहीं मिली। ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली थी। वहीं, दूसरी ओर एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक इंडस्ट्रीज ने जनहित याचिका दायर कर कंपनी का विरोध किया था। दलील थी कि भारत के विविध राज्योें में भरपूर मात्रा में मक्का पैदा होता है। इसकी प्रोसेसिंग से पॉपकॉन का पर्याप्त उत्पादन होता है। इसके बावजूद कई कंपनियों द्वारा भारत में अवैध तरीके से ड्यूटी फ्री पॉपकॉर्न आयात किया जा रहा है। इस कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
केंद्र ने रखी भूमिका
शाह नानजी नागसी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को ड्यूटी फ्री मक्का आयात की अनुमति देने का विरोध करते हुए केंद्र सरकार ने कोर्ट में दलीलें दी थी कि कंपनी अनुमति से इतर गुणवत्ता का मक्का आयात कर रहा था। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था। इसलिए इस बार अनुमति नहीं दी गई। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना निर्णय दिया है।
Created On :   3 April 2019 10:48 AM IST