मांस विक्रेताओं को हाईकोर्ट से मिली राहत, महानगरपालिका ने थमाया था नोटिस

High Court provided relief to the meat sellers of Nalasopara
मांस विक्रेताओं को हाईकोर्ट से मिली राहत, महानगरपालिका ने थमाया था नोटिस
मांस विक्रेताओं को हाईकोर्ट से मिली राहत, महानगरपालिका ने थमाया था नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मांस विक्रेताओं को राहत प्रदान की है। कथित रुप से बीफ (गाय-बैल का मांस) बेचने के आरोप में वसई-विरार महानगरपालिक ने नालासोपारा के बीफ विक्रेताओं की दुकान के लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। इसके साथ ही महानगरपालिका ने पुलिस से कहा था कि यदि ये दुकान शुरु करते हैं, तो इनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए।

मांस विक्रेताओं ने कोर्ट का खटखटाया था दरवाजा
महानगरपालिका के नोटिस के खिलाफ मांस विक्रेताओं ने अधिवक्ता ध्रुवपद पाटील के मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि महानगरपालिकाओं को नालासोपारा के एक मोहल्ले  से पांच किलो बीफ मिला था। इसके बाद महानगरपालिका ने मांस बिक्रेताओं के लाइसेंस को निलंबित कर दिया है। जबकि हम अपनी दुकान में बीफ नहीं बेचते हैं।

मांस विक्रेताओं की दुकान से बीफ नहीं मिला
मंगलवार को न्यायमूर्ति अभय ओक और न्यायमूर्ति पीएन देशमुख की खंडपीठ के सामने याचिका सुनवाई के लिए आयी। सुनवाई के दौरान नोटिस पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि मनपा के अधिकारियों को मांस विक्रेताओं की दुकान से बीफ नहीं मिला हैं। इसके साथ ही वे बीफ बेचते हुए पकड़े भी नहीं गए हैं। इस लिहाज से मनपा की ओर से जारी किया गया नोटिस प्रथम दृष्टया अवैध नजर आता है। इसलिए इस पर रोक (स्टे) लगाया जाती है।

आपराधिक मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई कर सकती थी पुलिस
हाईकोर्ट से स्टेमिलने के बाद जाकर मांस विक्रेताओं ने राहत की सांस ली। बताया जा रहा है कि कथित रुप से गाय-बैल का मांस बेचने के आरोप में महानगरपालिक ने नालासोपारा के बीफ विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की थी। जिसके तहत दुकान के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए थे। पुलिस से कहा गया था कि यदि दुकानें फिर शुरु होती हैं, तो आपराधिक मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। जिसपर कोर्ट ने स्टे लगा दिया है।

Created On :   6 Feb 2018 1:43 PM GMT

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