रेरा के निर्णय को रद्द करने से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार

High court refuses to hear plea related to cancellation of Reras decision
रेरा के निर्णय को रद्द करने से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार
रेरा के निर्णय को रद्द करने से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) की ओर से भवन निर्माताओं को कोरोना संकट के बीच 6 माह का समय देने के निर्णय पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। जबकि याचिकाकर्ता को अपीलय प्राधिकरण के सामने अपनी बात रखने को कहा है। रेरा ने कोरोना को आपदा की श्रेणी में रखते हुए भवन निर्माताओं के पंजीयन की अवधि की वैधता को 6 माह तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में पहला निर्णय अप्रैल में जबकि दूसरा निर्णय 18 मई 2020 को लिया गया है। रेरा के इस निर्णय के खिलाफ मुंबई निवासी सागर निकम ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया है कि रेरा के इस निर्णय से डिफाल्टर भवन निर्माताओ को लाभ मिलेगा और फ्लैट के इंतज़ार में बैठे हजारों लोगों की मुश्किलें बढ़ेगी। 

शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी निजी परेशानी याचिका में उठाई है, इस विषय पर जनहित याचिका दायर नहीं हो सकती। याचिकाकर्ता चाहे तो अपीलीय प्राधिकरण के सामने अपनी बात रख सकते हैं। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। 

Created On :   26 Jun 2020 2:52 PM GMT

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