महाकौशल क्षेत्र को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं देने पर हाईकोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार

High court refuses to interfere in the Cabinet not giving Mahakaushal sector
महाकौशल क्षेत्र को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं देने पर हाईकोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार
महाकौशल क्षेत्र को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं देने पर हाईकोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार

डिवीजन बैंच ने वापस लिए जाने के आधार पर याचिका खारिज
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने महाकौशल क्षेत्र को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं देने के मामले में दायर याचिका पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। डिवीजन बैंच ने वापस लिए जाने के अनुरोध पर याचिका खारिज करते हुए कहा कि राज्यपाल और सरकार को मंत्री बनाए जाने का निर्देश देना उनके न्यायाधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। यह मामला राज्यपाल और मुख्यमंत्री के विवेकाधिकार का विषय है। 
यह है मामला 7 यह याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि महाकौशल क्षेत्र के जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, डिण्डौरी, रीवा और अनूपपुर जिले से किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व  नहीं दिया गया है। संविधान के अनुच्छेद 163 के अनुसार प्रदेश का मंत्रिमंडल राज्यपाल को सहायता और परामर्श देता है। इससे राज्यपाल तक इन क्षेत्रों की सूचनाएँ नहीं पहुँच पाएँगी।
समानता के अधिकार का उल्लंघन
 अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि मंत्रिमंडल में  समानता के अधिकार की अनदेखी की गई है। इसके साथ ही क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान नहीं रखा गया है। इससे महाकौशल क्षेत्र का विकास प्रभावित होगा। 
राज्यपाल ने नहीं किया याचिका का निराकरण 
 याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में राज्यपाल के समक्ष याचिका दायर की थी। अभी तक याचिका का निराकरण नहीं किया गया है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने याचिका में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए वापस लिए जाने के आधार पर याचिका खारिज कर दी है। सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष रखा।
 

Created On :   22 Jan 2021 8:37 AM GMT

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