दुराचार के आरोपी की सजा पर रोक से हाईकोर्ट का इंकार

High court refuses to stay the sentence of misdemeanor accused
दुराचार के आरोपी की सजा पर रोक से हाईकोर्ट का इंकार
दुराचार के आरोपी की सजा पर रोक से हाईकोर्ट का इंकार

डिजिटल डेस्क जबलपुर । दुराचार के आरोप में सतना जिले में रहने वाले एक छात्र को वहां की अदालत द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा स्थगित करने से हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया है। आरोपी की ओर से दलील दी गई थी कि अभियोजन की कहानी और मेडिकल रिपोर्ट विरोधाभासी होने के कारण विश्वसनीय नहीं मानी जा सकतीं। जस्टिस सुजय पॉल और जस्टिस अंजुली पॉलो की युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा- यह मान भी लिया जाए कि मेडिकल रिपोर्ट ने अभियोजन की कहानी का समर्थन नहीं किया, लेकिन यह स्थापित सिद्धांत है कि पीडि़त लड़की के बयानों के आधार पर सजा दी जा सकती है। इस मामले में लड़की द्वारा दिए गए बयानों ने निचली अदालत को भरोसा हासिल किया और घटना वाले दिन ही एफआईआर हुई थी। ऐसे में सजा को फिलहाल स्थगित करना उचित नहीं है। युगलपीठ ने यह आदेश सतना जिले के तला थानांतर्गत ग्राम पडऱी में रहने वाले रजनीश मिश्रा की ओर से दायर अर्जी पर दिया। आरोपी को सतना की विशेष अदालत ने 18 सितंबर 2019 को भादंवि की धारा 376 के तहत 20 साल की सजा सुनाई थी। इस सजा को चुनौती देकर यह अपील दायर करके सजा को स्थगित करने एक अर्जी भी दाखिल की गई थी। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने प्रकरण में दखल से इंकार करके अर्जी खारिज कर दी। शासन की ओर से पैनल अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा ने पैरवी की।
 

Created On :   6 Jun 2020 10:07 AM GMT

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