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हाईकोर्ट ने कहा - पहले से जेल में हैं नवाब मलिक, फिलहाल उन्हें दंडित करने का कोई औचित्य नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक पहले से जेले में है ऐसे में वर्तमान में उन्हें (मलिक) न्यायालय की अवमानना के लिए दंडित करने का कोई मतलब नहीं निकलता है। हाईकोर्ट ने सोमवार को यह बात नार्कोटिक्स कंट्रोंल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व अधिकारी समीर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव की ओर से दायर मानहानि के दावे पर सुनवाई के दौरान कही।
इस दावे में ज्ञानदेव ने मंत्री मलिक के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई की मांग की है। ज्ञानदेव ने अपने दावे में कहा है कि मंत्री मलिक ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वे मेरे व मेरे परिवार के खिलाफ मीडिया व सोशल मीडिया में कुछ नहीं बोलेंगे। इसके बावजूद मंत्री मलिक का मेरे परिवार के खिलाफ बोलना जारी है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान इस दावे पर सुनवाई करते हुए मंत्री मलिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
सोमवार को न्यायमूर्ति एसजे काथावाला व न्यायमूर्ति एमएन जाधव की खंडपीठ के सामने ज्ञानदेव की ओर से दायर किया गया दावा सुनवाई के लिए आया। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि मंत्री मलिक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और वे जेल में हैं। ऐसे में वर्तमान में उन्हें दंडित करने का कोई मतलब नहीं है। इस दौरान मलिक के वकील फिरोज भरुचा ने खंडपीठ के सामने कहा कि इस मामले में कोई आदेश जारी करने से पहले उनके मुवक्किल के पक्ष को सुना जाए। जबकि ज्ञानदेव की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता बिरेंद्र श्राफ ने कहा कि फिलहाल इस मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया जाए।
इसके बाद खंडपीठ ने पूछा कि मंत्री मलिक को मनीलांड्रिग मामले में कब तक ईडी की हिरासत में रखा गया है। इस पर श्री भरुचा ने कहा कि उनके मुवक्किल को 3 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में रखा गया है। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई सात मार्च 2022 तक के लिए स्थगित कर दी। हालांकि मलिक ने मामले को लेकर दायर हलफनामे में खुद पर लगे आरोपों का खंडन किया है।
Created On :   28 Feb 2022 2:35 PM GMT