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HC ने कहा - कैदी की देखभाल सरकार की जिम्मेदारी, इलाज का खर्च भी उठाए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि जैल में कैदियों की देखभाल करना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि सरकार गंभीर बीमारी से ग्रसित याचिकाकर्ता कैदी अजय सिंह दाहिया के उपचार का खर्च भी वहन करें। कार्यकारी मुख्य जस्टिस वीके ताहिलरमानी व जस्टिस एमएस सोनक की बेंच ने दाहिया की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। याचिका में दाहिया ने कहा था कि वह गंभीर बीमीरी से पीड़ित है, इसलिए उसे पैरोल पर रिहा किया जाए।
दाहिया की याचिका पर गौर करने के बाद बेंच ने जेजे अस्पताल से उसकी बीमारी को लेकर रिपोर्ट मंगाई। रिपोर्ट स्पष्ट किया गया कि वह गंभीर बीमारी से पीड़ित है। डाक्टरों ने उसे इलाज के लिए इंजेक्शन लिखा है जिसकी कीमत दस हजार रुपए है। रियायत के बाद यह इंजेक्शन आठ हजार में दिया जा रहा था। अस्पताल ने दाहिया के घरवालों को इंजेक्शन की कीमत वहन करने को कहा।
इस बात को जानने के बाद बेंच ने पिछली सुनवाई केर दौरान कहा था कि यदि कोई कैदी बीमार है और उसके घरवाले इलाज व दवा के खर्च को वहन कर पाने में असमर्थ है ऐसी स्थिति में यह सरकार की जिम्मेदारी है वह कैदी के इलाज का खर्च वहन करे और उसका ख्याल रखे और जरुरत पड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती करे।
अदालत के इस रुख के मद्देनजर सरकारी वकील ने कहा कि सरकार ने दाहिया के इलाज के खर्च का वहन किया है। अब उसकी हालत स्थिर है। वहीं दाहिया के वकील के वकील ने कहा कि अब उनके मुवक्किल पैरोल की मांग नहीं करेंगे। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने याचिका को समाप्त कर दिया।
Created On :   2 July 2018 1:32 PM GMT