हाईकोर्ट: स्कूल प्राचार्य व प्रवेश समिति के सदस्यों ने मांगी बिना शर्त माफी

High Court: School Principal and Admission Committee members sought unconditional apology
हाईकोर्ट: स्कूल प्राचार्य व प्रवेश समिति के सदस्यों ने मांगी बिना शर्त माफी
हाईकोर्ट: स्कूल प्राचार्य व प्रवेश समिति के सदस्यों ने मांगी बिना शर्त माफी


डिजिटल डेस्क जबलपुर। सागर के सेंट जोसेफ स्कूल की प्रवेश समिति के सभी 6 सदस्यों द्वारा बिना शर्त माफी मांगे जाने पर हाईकोर्ट ने उन सभी को अवमानना के मामले से मुक्त कर दिया है। हालांकि जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने समिति में शामिल प्राचार्य सहित सभी सदस्यों को साफ हिदायत दी है कि भविष्य में यदि उनके पास कोर्ट का कोई आदेश पहुंचता है, तो उसका पालन अक्षरक्षित किया जाए। समिति द्वारा मांगी गई माफी और एडमीशन से वंचित छात्र को प्रवेश मिल जाने के मद्देनजर कोर्ट ने मामले का निराकरण कर दिया।
यह है पूरा मामला-
गौरतलब है कि सागर निवासी प्रभांश श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वो सागर के  सेंट जोसेफ स्कूल में कक्षा 10वीं के एक  विषय में सप्लीमेन्ट्री आने के बाद वह पुनर्मूल्यांकन में पास तो हो गया, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कलेक्टर और संभागायुक्त के आदेशों के बाद भी उसको कक्षा 11वीं में एडमीशन न देने पर यह याचिका दायर की गई थी। विगत 27 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को एडमीशन देने के निर्देश दिए। इसके परिप्रेक्ष्य में स्कूल की 6 सदस्यीय प्रवेश समिति के मोली थॉमस, मारिया जोसफ, दया सेबेस्टियन, डॉ. देवेन्द्र गुरू, जेवियर पीटी और वंदना ठाकुर ने हाईकोर्ट को पत्र भेजकर कहा कि कामर्स सेक्शन में उन्होंने क्रिश्चियन समुदाय के छात्र को दाखिला दे दिया है। चूंकि 24 जून से कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और पहला सेमेस्टर भी पूरा हो चुका, इसलिए याचिकाकर्ता को एडमीशन नहीं दिया जा सकता।  समिति द्वारा भेजे गए पत्र को अवमानना की श्रेणी में पाते हुए हाईकोर्ट ने समिति के सभी 6 सदस्यों को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए थे। मामले पर मंगलवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान प्राचार्य सहित समिति के सभी सदस्यों के द्वारा बिना शर्त माफी मांगने और छात्र को एडमीशन मिल जाने के चलते कोर्ट ने याचिका का निराकरण कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने पैरवी की।
उठने के बाद फिर से बैठी कोर्ट-
इस मामले की विगत 1 अक्टूबर को हुई सुनवाई के बाद अदालत द्वारा दिए गए निर्देश पर स्कूल की 6 सदस्यीय प्रवेश समिति के मोली थॉमस, मारिया जोसफ, दया सेबेस्टियन, डॉ. देवेन्द्र गुरू, जेवियर पीटी और वंदना ठाकुर मंगलवार की सुबह से ही कोर्ट पहुंच गए थे। पहले जस्टिस श्रीधरन की अध्यक्षता वाली डीबी थी और उसके बाद सिंगल बैंच। शाम को सवा चार बजे जस्टिस श्रीधरन के उठने के बाद अर्जी देकर मामले की सुनवाई की प्रार्थना की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए जस्टिस श्रीधरन पुन: आसंदी पर बैठे और फिर सुनवाई की।
आपने आग्रह नहीं आदेश दिया था-
 सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रवेश समिति द्वारा हाईकोर्ट को भेजे पत्र की भाषा पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा- "पत्र की भाषा बताती है कि आपने हमसे आग्रह नहीं, बल्कि हमें ही आदेश जारी किया था। आप शिक्षण संस्थान से संबंधित हैं जिनका कोर्ट काफी सम्मान करती है। यदि हम आपका सम्मान करते हैं तो आपसे भी अपेक्षा है किआप भी कोर्ट का सम्मान करें। अब आपका ही रवैया ऐसा होगा तो कोर्ट को भी सख्ती दिखाना ही पड़ेगी।Ó

 

Created On :   15 Oct 2019 6:22 PM GMT

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