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एल्गार परिषद की जांच एनआईए को सौंपने का मामला, हाईकोर्ट ने केंद्र- राज्य व एनआईए से मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुणे में हुई एल्गार परिषद मामले की जांच राष्ट्रीय जांच ऐजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने के खिलाफ दायर याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार सहित एनआईए से जवाब मांगा है। यह याचिका मामले में आरोपी व पेशे से वकील सुरेंद्र गडलिंग और सुधीर धवले ने दायर की है। अधिवक्ता एस बी तलेकर के मार्फत दायर की गई याचिका में दावा किया गया है कि इस मामले की जांच एनआईए को सौपे जाने का निर्णय राजनीति से प्रेरित है। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र में सत्ता से बाहर होने के बाद ही मामले की जांच एनआईए को सौपी गई है। जबकि पुणे पुलिस इस मामले की जाँच कर चुकी है। यह जांच अदालत की अनुमति के बिना केंद्र सरकार ने एनआईए को सौपी है। एक तरह से दोबारा इस मामले की जांच कराई जा रही हैं। जो नियमों के खिलाफ है। इसलिए जांच एनआईए को सौपने के निर्णय को रद्द कर दिया जाए। मंगलवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की खड़पीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने केंद्र व राज्य सरकार सहित एनआईए को याचिका पर जवाब देने को कहा और सुनवाई को 14 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया।
सुधा भारद्वाज की जमानत आवेदन पर सुनवाई 26 जून को
एल्गार परिषद मामले में आरोपी व सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की जमानत आवेदन पर शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। भारद्वाज ने स्वास्थ्य ठीक न होने के आधार पर जमानत देने का आग्रह किया है। उन्होंने ने जेल में खुद के कोरोना संक्रमित हो जाने की आशंका भी व्यक्त की है। इससे पहले एनआईए कोर्ट ने भारद्वाज को जमानत देने से इंकार कर दिया था। निचली अदालत के आदेश को भारद्वाज ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की खंडपीठ ने शुक्रवार को जमानत आवेदन पर सुनवाई रखी है।
Created On :   23 Jun 2020 8:30 PM IST