हाईकोर्ट का सुझाव : स्कूलों में पढ़ाएं नैतिकता, इंजिनियर-डॉक्टर तो बन ही जाएंगे  

High Court suggestion- Lessons of Morality should Teach Children in Schools
हाईकोर्ट का सुझाव : स्कूलों में पढ़ाएं नैतिकता, इंजिनियर-डॉक्टर तो बन ही जाएंगे  
हाईकोर्ट का सुझाव : स्कूलों में पढ़ाएं नैतिकता, इंजिनियर-डॉक्टर तो बन ही जाएंगे  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि स्कूलों में विद्यार्थियों को पहले नैतिकता व मूल्यों का पढ़ाया जाए। उसके बाद विज्ञान, तकनीक, इतिहास व भुगोल की जानकारी दी जाए। हमे पहले इंसान बनाना चाहिए और फिर बाद में इंजीनियर व डाक्टर बनने की जरूरत है, इसलिए स्कूलों में नैतिक मूल्यों की पढाई पर भी जोर दिया जाए। हाईकोर्ट ने सोमवार को बच्चों के यौन उत्पीड़न अपराध को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान उपरोक्त बातें कही। याचिका में मुख्य रुप से बाल सुलभ न्यायालय बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है।

जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि हमे उन कारणों की पड़ताल करनी चाहिए, जिसके कारण बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के अपराध हो रहे हैं। इसके लिए सरकार समाजशास्त्री, शिक्षाविदों, मनोवैज्ञानिकों व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाए, क्योंकि शिक्षित लोग भी बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध में संलिप्त हो रहे हैं। यह बेहद गंभीर मसला है। इसलिए इस विषय पर अध्ययन व शोध के बाद उचित कदम उठाए।

बाल यौन उत्पीड़न की जांच के लिए विशेष पुलिस 
इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने खंडपीठ को बताया कि हम दिल्ली की तर्ज पर बाल सुलभ अदालत बनाने पर विचार कर रहे हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि यह अदालत सामान्य रहे और इसके निर्माण में ज्यादा खर्च न आए। उन्होंने कहा कि सरकार बच्चों के खिलाफ होनेवाले अपराध को लेकर बेहद गंभीर है। सरकार ने इन अपराधों की जांच के लिए  विशेष पुलिस इकाई बनाई है।

इसके अलावा एक कमेटी भी बनाई गई है जो यह सुनिश्चित करेगी कि बच्चों के खिलाफ होनेवाले अपराध की जांच समय पर प्रभावी तरीके से पूरी हो और मामलेे से जुड़े गवाह कोर्ट में पहुंचे। जिससे अदालत शीघ्रता से मुकदमे की सुनवाई को पूरा कर सके। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को भी न्यायाधीशों की कमेटी बनाने को कहा है। यह कमेटी पास्को कोर्ट में चलनेवाले मुकदमों पर निगरानी रखेगी। उन्होंने कहा कि हमारा जोर होगा कि बच्चों के खिलाफ होनेवाले अपराधों पर रोक लगाई जाए। खंडपीठ ने राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी को अगली सुनवाई के दौरान बाल सुलभ न्यायालय का प्रारुप पेश करने को कहा है और मामले की सुनवाई चार सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है।  

Created On :   18 Jun 2018 1:04 PM GMT

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