हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी सीईओ से किया जवाब-तलब

High Court summoned the Municipal Corporation Commissioner and Smart City CEO
हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी सीईओ से किया जवाब-तलब
मास्टर प्लान के अनुसार क्यों नहीं बनी घमापुर-रांझी फोरलेन हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी सीईओ से किया जवाब-तलब

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त संदीप जीआर और स्मार्ट सिटी सीईओ निधि सिंह राजपूत से पूछा है कि घमापुर-रांझी फोरलेन का निर्माण मास्टर प्लान के अनुसार क्यों नहीं किया गया। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने उक्त अधिकारियों को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने कहा है। मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी। 
यह है मामला 
 यह अवमानना याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने दायर की है। अवमानना याचिका में कहा गया है कि घमापुर-रांझी रोड मास्टर प्लान के अनुसार 24 मीटर (79) फीट होनी चाहिए, लेकिन यह सड़क घमापुर चौक से बाई का बगीचा तक 30 फीट चौड़ी बनाई गई है। हालत यह है कि शीतलामाई मंदिर के पास फोरलेन रोड 30 से 40 फीट चौड़ी ही बनाई गई है। इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर घमापुर-रांझी रोड मास्टर प्लान के अनुसार बनाए जाने की माँग की गई थी।
एक माह में करना था मामले का निराकरण 
अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि घमापुर-रांझी फोरलेन को मास्टर प्लान के अनुसार बनाने के मामले में पूर्व में जनहित याचिका दायर की गई थी। जनहित याचिका पर अंडरटेकिंग दी गई थी कि नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी सीईओ याचिकाकर्ताओं के आवेदन पर एक माह में कार्रवाई करेंगे। एक माह बीतने के बाद भी नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने अनावेदकों से जवाब-तलब किया है।
 

Created On :   7 Sep 2021 8:17 AM GMT

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