HC ने मांगी 'फर्स्ट सिटी' में हुए काम की रिपोर्ट  

High Court wants progress report of First City project
HC ने मांगी 'फर्स्ट सिटी' में हुए काम की रिपोर्ट  
HC ने मांगी 'फर्स्ट सिटी' में हुए काम की रिपोर्ट  

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मिहान में "फर्स्ट सिटी" हाउसिंग प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश चौरंगी बिल्डर्स और महाराष्ट्र एयरपोर्ट विकास कंपनी (एमएडीसी) को दिए हैं। दरअसल बैंक लोन प्रकरण में बिल्डर और फ्लैट खरीददारों के बीच यह विवाद चला आ रहा है। यह प्रोजेक्ट बीते कई वर्षों से अधूरा पड़ा है। इस मामले में सोमवार को चौरंगी बिल्डर्स ने अपना उत्तर प्रस्तुत किया। उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि स्पेशल पर्पज व्हीकल के तहत एक निजी कंपनी की मदद से वे यह प्रोजेक्ट पूरा करने वाले हैं। इस संबंध में कंपनी से जरूरी करार किया गया है। हाईकोर्ट ने उन्हें यह जानकारी शपथपत्र पर प्रस्तुत करने के आदेश दिए। वहीं इस मामले में एमएडीसी को कोर्ट ने फर्स्ट सिटी प्रोजेक्ट में हुए बीते दो वर्षों के निर्माणकार्य की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। इस प्रोजेक्ट में बीच मझधार में फंसे फ्लैटधारकों से भी हाईकोर्ट ने पूछा है कि उन्हें यहां फ्लैट के पजेशन चाहिए या वे अपना बैंक लोन सेटल करना चाहते हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने दो सप्ताह बाद सुनवाई रखी है। 

यह है मामला
एमएडीसी और मेसर्स रिटॉक्स बिल्डर्स एंड डेवलपर्स (अब चौरंगी बिल्डर्स) कंपनी के बीच मिहान परिसर में "फर्स्ट सिटी" हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाने का करार हुआ। वर्ष 2007 से रिटॉक्स ने फ्लैट बिक्री शुरू की। कुल 491 लागों ने यहां फ्लैट खरीदा। सौदे के दौरान कंपनी ने सभी ग्राहकों से वादा किया था कि 30 महीने में उन्हें फ्लैट सौंप दिया जाएगा। इस बिक्री से कंपनी ने कुल 55 करोड़ रुपए इकठ्ठा किए थे। कंपनी के आश्वासन अनुसार यहां कुल 11 इमारतें बनाई जानी थीं, लेकिन अब तक केवल दो ही इमारतों का निर्माण हुआ है। याचिका के अनुसार फ्लैट के निर्माण के समय रिटॉक्स कंपनी ने प्रकल्प के लिए विजया बैंक से 128 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। कंपनी कर्ज नहीं चुका पाई, तो बैंक ने 1 दिसंबर 2015 को कंपनी को नोटिस जारी किया। 8 जनवरी 2016 को घोषणा की गई कि 16 फरवरी को फर्स्ट सिटी की नीलामी होगी। इसके बाद नीलामी पर फर्स्ट सिटी फ्लैट ओनर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था, जिसके बाद से ही यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा और तेजस देशपांडे ने पक्ष रखा।


 

Created On :   6 Feb 2018 1:35 PM IST

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