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लोणार सरोवर के सौंदर्यीकरण पर नजर रखेगा HC

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दुनिया भर में अपने ऐतिहासिक और सौंदर्य के लिए मशहूर लोणार सरोवर बदहाल हो चला है । इसकी सुरक्षा का मुद्दा बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में दायर याचिका में उठाया गया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के विविध विभागों को संयुक्त बैठक आयोजित कर सरोवर के संरक्षण और विकास की जिम्मेदारी दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि, लोणार के विकासकार्यों पर उसकी नजर रहेगी। इसलिए प्रशासन थोड़े-थोड़े दिनों में सरोसर पर केंद्रित बैठकें लेता रहे। साथ ही हर बैठक में यह सुनिश्चित करे कि, पिछली बैठक में लिए गए सभी फैसले लागू हो चुके हैं। इसके तुरंत बाद सरकार कोर्ट में शपथपत्र देकर बैठक का विवरण प्रस्तुत करें।
...इसलिए जनहित याचिका
लोणार सरोवर के संवर्धन और विकास कार्यों के लिए कीर्ति निपाणकर ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने एक समिति गठित की थी। संवर्धन, दूषित जल की प्रोसेसिंग जैसे अन्य मुद्दों पर समिति ने विकास कार्यों की स्थिति बताई थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि, लोणार सरोवर के सवंर्धन के संबंध मंे केवल चर्चा शुरू है, वास्तव में कार्य नहीं किए जा रहे हैं। इधर नगर परिषद का दावा है कि, उसने सरोवर में गंदा पानी जाने से रोकने के लिए उपाय किए हैं, लेकिन इसकी सफलता के लिए निरंतर नजर बनाए रखने की जरूरत है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.आनंद परचुरे ने पक्ष रखा।
इसलिए खास है ये झील
लोनार झील महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िले में स्थित एक खारे पानी की झील है। यह आकाशीय उल्का पिंड की टक्कर से निर्मित पहली झील है। इसका खारा पानी इस बात का प्रतीक है कि कभी यहां समुद्र था। इसके बनते वक्त क़रीब दस लाख टन के उल्का पिंड की टकराहट हुई। क़रीब 1.8 किलोमीटर व्यास की इस उल्कीय झील की गहराई लगभग पांच सौ मीटर है। आज भी वैज्ञानिकों में इस विषय पर गहन शोध जारी है कि लोनार में जो टक्कर हुई,वो उल्का पिंड और पृथ्वी के बीच हुई या फिर कोई ग्रह पृथ्वी से टकराया था।
तीन हिस्सों में टूटा था उल्कापिंड
पृथ्वी से टकराने के बाद उल्कापिंड तीन हिस्सों में टूट चुका था और उसने लोनार के अलावा अन्य दो जगहों पर भी झील बना दी, हालांकि अब यह झीलें पूरी तरह सूख चुकी है।
2006 में हुई थी अजीब हलचल
लगभग वर्ष 2006 के आस पास लोनर झील में अजीब-सी चीज़ देखने को मिली, झील का पानी अचानक वाष्पीकृत होकर समाप्त हो गया। गांव वालों ने पानी की जगह झील में नमक और अन्य खनिजों के छोटे-बड़े चमकते हुए क्रिस्टल देखे थे।

Created On :   28 Feb 2018 2:25 PM IST