यूनिवर्सिटी के विकास पर हाईकोर्ट रखेगी निगरानी

High Court will monitor the development of the Nagpur University
यूनिवर्सिटी के विकास पर हाईकोर्ट रखेगी निगरानी
यूनिवर्सिटी के विकास पर हाईकोर्ट रखेगी निगरानी

डिजिटल डेस्क,नागपुर ।  राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय नागपुर (लॉ यूनिवर्सिटी) का विकास कार्य बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ की देख-रेख में होगा। यूनिवर्सिटी की इमारत और अन्य खर्चों के लिए राज्य सरकार ने 85 करोड़ 81 लाख रुपए मंजूर किए हैं। इसमें से 81 करोड़ 40 लाख रुपए केवल इमारत के लिए खर्च होंगे। इस पर हाईकोर्ट की नजर बनी रहेगी नागपुर खंडपीठ ने यह निर्णय लिया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट में मुद्दा उठा था कि नागपुर लॉ यूनिवर्सिटी में ज्यादा प्रवेश क्षमता होने के बावजूद मुंबई लॉ यूनिवर्सिटी से कम अनुदान मिल रहा है। हाईकोर्ट ने सरकार से इस भेदभाव पर सफाई मांगी थी। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव की ओर से कोर्ट में शपथ-पत्र प्रस्तुत था कि  सरकार वर्ष 2018-19 से लेकर वर्ष 2022-23 तक मुंबई, नागपुर और औरंगाबाद की लॉ यूनिवर्सिटी के लिए पांच करोड़ रुपए प्रतिवर्ष जारी किए जाएंगे, ताकि विश्वविद्यालयों का कामकाज सुचारु रूप से चल सके।

यह है मामला
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा यूनिवर्सिटी के विकास पर केंद्रित जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार, अनुदान नहीं मिलने के कारण विश्वविद्यालय को अपने दैनिक कार्यान्वयन में परेशानी हो रही है। विविध कामों के भुगतान लटके हुए हैं और आर्थिक परेशानी हो रही है। दरअसल वित्तीय वर्ष 2017-18 में सरकार ने प्रदेश की तीनों लॉ यूनिवर्सिटी (मुंबई, नागपुर और आैरंगाबाद) के लिए कुल 27 करोड़ का फंड निर्धारित किया था। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि तीनों विश्वविद्यालयों को 9-9 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा, लेकिन वास्तविकता में देखें तो सरकार ने मुंबई लॉ यूनिवर्सिटी के लिए 18 करोड़ 29 लाख 83 हजार 329 रुपए मंजूर किए। इसकी तुलना में नागपुर लॉ यूनिवर्सिटी के लिए महज 4 करोड़ 46 हजार रुपए निर्धारित किए गए। उधर, औरंगाबाद लॉ यूनिवर्सिटी के लिए 2 करोड़ 71 लाख 65 हजार रुपए मंजूर किए गए। इसके बाद सचिव ने अपनी भूमिका स्पष्ट की थी। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा।

Created On :   5 April 2018 12:33 PM IST

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