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नेताओं की फोन टैपिंग जांच के लिए बनी उच्चस्तरिय समिति, पटोले की मांग पर गृहमंत्री ने दिए थे जांच के आदेश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की महाविकास विकास आघाड़ी सरकार ने पूर्व की फडणवीस सरकार के शासनकाल के 5 सालों में जनप्रतिनिधियों के गैर कानूनी तरीके से की गई फोन टैपिंग की पड़ताल के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। सरकार ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व विधायक तथा तत्कालीन भाजपा सांसद नाना पटोले की फोन टैपिंग की भी जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय पांडे की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय जांच गठित की है। शुक्रवार को प्रदेश के गृह विभाग ने फोन टैपिंग प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच समिति के गठन के संबंध में शासनादेश जारी किया। इसके अनुसार सरकार ने जांच समिति को साल 2015 से साल 2019 तक यानी पांच सालों के फोन टैपिंग प्रकरण की पड़ताल कर राजनीतिक उद्देश्य से जनप्रतिनिधियों का फोन गैर कानूनी तरीके से टैप करने को लेकर जांच करनी होगी। यदि फोन टैपिंग हुई होगी, तो जांच समिति को संबंधित लोगों के खिलाफ जिम्मेदारी निश्चित करनी होगी।
तीन सदस्यीय जांच समिति के सदस्यों में राज्य खुफिया (गुप्तवार्ता) विभाग के आयुक्त और मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) शामिल किए गए हैं। सरकार ने समिति को जांच पूरी करके 3 महीने में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। विधानमंडल के मानसून अधिवेशन में 6 जुलाई को विधानसभा में कांग्रेस सदस्य पटोले ने पूर्व की भाजपा सरकार के समय राजनीतिक उद्देश्य से जनप्रतिनिधियों के फोन टैपिंग का आरोप लगाया था। जिस पर कुछ अन्य सदस्यों ने पटोले के आरोपों पर सहमति जताते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की थी। इस पर प्रदेश के गृह मंत्री दिलीप वलसे-पाटील ने फोन टैपिंग के पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच का आश्वासन दिया था। इसके अनुसार सरकार ने अब जांच समिति गठित की है।
इससे पहले महाविकास आघाड़ी सरकार के कई मंत्रियों ने राज्य की तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला पर साल 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया के दौरान गैर कानूनी रूप से फोन टैपिंग का आरोप लगा चुके हैं।
Created On :   9 July 2021 8:34 PM IST