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एंटीलिया विस्फोट मामले की साजिश में शामिल था हिरेन, वाझे होगी पूछताछ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मुंबई की विशेष अदालत में दावा किया कि मनसुख हिरेन भी एंटीलिया के बाहर मिली विस्फोटक लदी गाड़ी से जुड़ी साजिश में शामिल था। इसी के चलते उसकी जान गई। इस बीच मुंबई की विशेष अदालत ने उद्योगपति मुकेश अम्बानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी गाड़ी मिलने से जुड़े मामले व कारोबारी मनुसुख की हत्या के मामले में गिरफ्तार निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को नौ अप्रैल तक के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया है। इसके साथ ही अदालत ने सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली से जुड़े आरोपों को लेकर वाझे से पूछताछ की इजाजत दे दी है। जबकि मामले के अन्य दो आरोपी विनायक शिंदे व नरेश गोर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेद दिया है।
इससे पहले एनआईए ने न्यायाधीश प्रशांत सित्रे के सामने दावा किया कि हिरेन भी एंटीलिया के बाहर मिली विस्फोटक लदी गाड़ी से जुड़ी साजिश में शामिल था। जिसके चलते हिरन की जान गई है।
वाझे के बैंक खाते में सवा करोड़
एनआईए ने सुनवाई के दौरान दावा किया कि इस पूरे मामले से कोई न कोई आर्थिक उद्देश्य जुड़ा था। क्योंकि एनआईए ने जांच के दौरान वाझे के पास से 36 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं। इतनी नकदी वाझे ने किस लिए रखी थी और वह कहां से आयी थी। इस पहलू की जांच करना अभी बाकी है। इसके अलावा शिंदे व गोरे को भी काफी बड़ी नकद रकम दी गई थी। वाझे के खाते में सवा करोड़ रुपए जमा थे। जो दर्शाते है कि इस मामले के पीछे कोई आर्थिक उद्देश्य जुड़ा था।
एनआईए की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि नियमानुसार अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून के तहत एनआईए आरोपी को 30 दिन तक अपनी हिरासत में रख सकती है। जो अभी पूरी नही हुई है। वहीं आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने कहा कि मेरे मुवक्किल एनआईए के साथ जांच में सहयोग कर रहे हैं और सीबीआई के साथ भी जांच में सहयोग करेंगे। इस दौरान उन्होंने आरोपी (वाझे) को हथकड़ी पहनाकर सीएसएमटी ले जाने को लेकर आपत्ति जाहिर की। एनआईए सोमवार की रात घटना के नाट्यरुपांतरण के लिए वाझे को सीएमएमटी रेलवे स्टेशन ले गई थी।
सुनवाई के दौरान आरोपी शिंदे ने न्यायाधीश के सामने आग्रह किया कि उसे विशेष जेल में रखा जाए। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी के पास जेल चुनने का अधिकार नहीं होता है। रोस्टर के हिसाब से आरोपी को जिस जेल में भेजा जाता है, उसे वहां जाना पड़ता है। गौरतलब है कि वाझे को एनआईए ने इस मामले में 13 मार्च 2021 को गिरफ्तार किया था। तब से वाझे एनआईए की हिरासत में है। वाझे के खिलाफ भातीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ ही अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए है।
Created On :   7 April 2021 8:05 PM IST