बिना गाइडलाइन चल रहे ऑनलाइन फूड एप्स, डिलीवरी बॉय हो रहे दुर्घटना के शिकार

Home delivery of food become dangerous for delivery boys, 1 died
बिना गाइडलाइन चल रहे ऑनलाइन फूड एप्स, डिलीवरी बॉय हो रहे दुर्घटना के शिकार
बिना गाइडलाइन चल रहे ऑनलाइन फूड एप्स, डिलीवरी बॉय हो रहे दुर्घटना के शिकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जोमाटो एप और न जाने कितने तरह के फूड डिलीवरी एप आज नागपुर में संचालित हैं। सैकड़ों युवा इन फूड्स एप के लिए डिलीवरी बॉय का काम कर रहे हैं। इन एप पर खाने की डिलीवर का समय फिक्स है फिर चाहे कितनी भी ट्रैफिक हो। इसी स्पीड को मेंटेन करने के लिए डिलीवरी बॉय दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। 

एक्सीडेंट में युवक की मौत ने झकझोरा
रविवार की रात फुटाला चौक पर रहने वाले जोमाटो एप के डिलीवरी बॉय की एक्सीडेंट में मौत हो गई।  डिलीवरी बॉय नीलेश नवनाथ वासनिक (29) रात के 1 बजे फूड डिलीवरी कर लौट रहा था। धरमपेठ में एक अनियंत्रित वाहन ने उसे जोरदार टक्कर मारी और फिर उसके ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। अस्पताल ले जाने पर नीलेश को मृत घोषित कर दिया गया।  अहम सवाल यह है कि फूड एप डिलीवरी वाले जो ऑनलाइन एप हैं, वे अपने डिलीवरी बॉयज की सुरक्षा के लिए क्या गाइडलाइन देते हैं।

हकीकत 
दैनिक भास्कर को डिलीवरी बॉयज ने बताया कि जब वे ऑनलाइन एप के लिए काम करना शुरू करते हैं, तो उनके लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं की जाती है। इंश्योरेंस तीन महीने बाद करवाया जाता है। सवाल यह उठता है कि यदि इस बीच किसी कर्मचारी की मौत होती है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन है।

खामियाजा भुगतना पड़ता है
कई बार 12 किलोमीटर से भी दूर जाते हैं। यदि कोई आॅर्डर कैंसल कर देता है तो इसका खामियाजा भी हमें भुगतना पड़ता है। यदि हम ज्यादा किसी बारे में बोलते हैं तो कहते हैं कि तुम काबिल नहीं, जा सकते हो। वीकली काम करने पर भी पूरा पैसे नहीं देते।
राहुल, डिलीवरी बॉय, जोमाटो

न पेट्रोल अलाउंस, न गाड़ी का इंश्योरेंस
रेस्टोरेंट 11 बजे तक ही खुले होते हैं और प्रेशर होता है कि हम कहीं से भी फूड का अरेेंजमेंट करें और फूड ग्राहक तक डिलीवरी करें। इनके रेट कार्ड भी बदलते रहते हैं। न ही तो ये पेट्रोल अलाउंस देते हैं और न ही गाड़ी का इंश्योरेंस। कोई जॉब सिक्योरिटी नहीं है, कई घंटे काम करने पड़ते हैं।
कबीर, डिलीवरी बॉय, जोमाटो 

ठीकरा हमारे सिर फोड़ा जाता है

समय पर फूड डिलीवरी के आदेश होते हैं। गड़बड़ी होने पर ठीकरा हम पर फोड़ा जाता है।
कवींद्र, शैलेंद्र, डिलीवरी बॉय, जोमाटो

ये कहते हैं, अभी तक कोई शिकायत नहीं 

इन एप फूड के बारे में अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है। ये उन्हीं होटल्स से फूड लेते हैं, जिनके पास फूड लाइसेंस है। ये सभी होटल्स व रेस्टोरेंट रिकोगनाइज्ड हैं।
(शशिकांत केकरे, ज्वाइंट कमिश्नर एफडीओ)

Created On :   7 Aug 2018 8:50 AM GMT

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