होमगार्ड जवानों ने लगाए आरोप- झूठे हैं पालकमंत्री, पहले दिया आश्वासन बाद में बाहर का रास्ता दिखाया

Home guard soldiers put allegations on Minister CS Bawankule
होमगार्ड जवानों ने लगाए आरोप- झूठे हैं पालकमंत्री, पहले दिया आश्वासन बाद में बाहर का रास्ता दिखाया
होमगार्ड जवानों ने लगाए आरोप- झूठे हैं पालकमंत्री, पहले दिया आश्वासन बाद में बाहर का रास्ता दिखाया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। होमगार्ड के जवानों ने पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले पर झूठ बोलकर आंदोलन खत्म करने का आरोप लगाया। जवानों का आरोप है कि पालकमंत्री ने आंदोलनकारियों को बेवकूफ बनाया। 20 फरवरी को मुंबई में बैठक होने का पत्र दिया और इस तरह की कोई बैठक मुंबई में हुई ही नहीं। पालकमंत्री ने मुंबई में सीएम के साथ बैठक का भरोसा देने के बाद होमगार्ड जवानों ने 22 दिन से जारी आंदोलन 18 फरवरी को खत्म कर दिया था।

50 हजार से अधिक जवान हैं राज्य में
नागपुर समेत राज्य में 50 हजार से ज्यादा होमगार्ड जवान हैं। होमगार्ड जवान समान काम समान वेतन, 365 दिन काम देने, जटिल शर्तें हटाने व काम से निकाले गए होमगार्ड को सेवा में लेने की मांग को लेकर 28 जनवरी से संविधान चौक पर धरना दे रहे थे। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने 18 फरवरी को आंदोलनकारी जवानों को जिलाधीश कार्यालय में चर्चा के लिए बुलाया आैर 20 फरवरी को मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, होमगार्ड महासमादेशक के साथ आंदोलनकारी जवानों की बैठक कराने का आश्वासन दिया था। बैठक में खुद भी उपस्थित रहने का भरोसा देते हुए मुंबई में 20 फरवरी को बैठक संबंधी पत्र भी होमगार्ड जवानों को दिया था। पालकमंत्री के आश्वासन पर भरोसा कर होमगार्ड के जवानों ने 18 फरवरी की शाम को आंदोलन खत्म किया। वे तब हैरत में पड़ गए, जब उन्हें बैठक के  संबंध में न किसी ने बुलाया और न ही मुंबई में इस संबंध में बैठक हुई।

सकारात्मक जवाब देने के बजाय बाहर किया
धोखे का एहसास होने के बाद होमगार्ड के जवान कामठी में 24 फरवरी को आयोजित जनता दरबार में पहुंचे आैर मुंबई में होनेवाली बैठक व समस्या के निदान के बारे में पूछने लगे। जवानों ने आरोप लगाया कि पालकमंत्री श्री बावनकुले ने सकारात्मक जवाब देने के बजाय पुलिस की मदद से उन्हें बाहर किया। होमगार्ड पालकमंत्री का निषेध करते हुए वहां से निकल गए। अब तक इस संबंध में मुंबई में कोई बैठक नहीं हो सकी है।

10 एकड़वाले किसानों को लाभ मिलने का छोड़ा था शिगूफा
केंद्र सरकार ने 5 एकड़ भूमिवालों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत सालाना 6 हजार व पहली किस्त के रूप में 2 हजार रुपए देेने का निर्णय लिया है। पालकमंत्री श्री बावनकुले ने जिलाधीश कार्यालय में इस योजना की जानकारी देते हुए कहा था कि राज्य सरकार 10 एकड़ तक भूमिवाले किसानों को भी लाभ देने जा रही है। इस संबंध में मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया जा सकता है। इस तरह का कोई निर्णय सरकार द्वारा नहीं लिया गया। निधि के इंतजार में बैठे किसानों (10 एकड़वाले) के लिए पालकमंत्री का यह दावा शिगूफा साबित हुआ।

आंदोलन खत्म करने की थी साजिश
पालकमंत्री श्री बावनकुले ने झूठा आश्वासन देकर आंदोलन खत्म कराया। आंदोलन खत्म करने की यह साजिश थी। हम पालकमंत्री की बात पर भरोसा करके "मामू" बन गए। कामठी के जनता दरबार में जवाब मिलने की बजाय पालकमंत्री के आदेश पर पुलिस के धक्के मिलने का आरोप लगाया। बैठक के बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं मिली। पुन: आंदोलन कर सरकार को नींद से जगाएंगे आैर इस बार ‘मामू’ नहीं बनेंगे। -नामदेव खानझोड़े, महासचिव नेशनल होमगार्ड पुलिस एसोसिएशन.

इधर...पालकमंत्री का नहीं मिला जवाब
पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का पक्ष जानने के लिए कई बार फोन किए गए, लेकिन संपर्क नहीं हुआ। मोबाइल पर मैसेज भी भेजे गए। केवल कॉल करने का एक बार मैसेज आया। कई बार फोन लगाने के बावजूद पालकमंत्री का जवाब नहीं मिल सका।

Created On :   1 March 2019 7:35 AM GMT

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