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दवा का अता पता नहीं, दुआ के भरोसे मरीज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोविड पॉजिटिव आने पर होम आइसोलेट मरीज दवा नहीं, दुआ के भरोसे बीमारी से लड़ रहे हैं। शहर में ऐसे कई मरीज हैं, जो पॉजिटिव आने के बाद होम आइसोलेट हैं, लेकिन मनपा का कोई भी स्वास्थ्य कर्मी उन तक नहीं पहुंचा। एक अधिकारी ने ऑफ द रिकॉर्ड यह बात कबूल की है कि मरीजों की संख्या बढ़ने से उन तक दवा पहुंचाने में मनपा कम पड़ रही है। जान बचाने के लिए मरीज निजी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर हैं। कोविड की पहली और दूसरी लहर में मरीजों के हाल-बेहाल हुए। समय पर इलाज नहीं मिलने से कई मरीजों को जान गंवानी पड़ी। इससे सबक लेकर तीसरी लहर में नागरिक स्वास्थ्य को लेकर सचेत हैं। पॉजिटिव आने पर मनपा से दवा का इंतजार नहीं करते हुए निजी डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं। जिनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है, उनके सामने सरकारी दवा के सिवा कोई चारा नहीं है। मनपा स्वास्थ्य विभाग से दवा के इंतजार में दुआ के भरोसे वे बीमारी से लड़ रहे हैं। वहीं, मनपा का कहना है कि जो मरीज दवा की मांग कर रहे हैं, उन्हें पहुंचाई जा रही है। जिन्हें कोई भी लक्षण नहीं है, उन्हें दवा देने के संबंध में कोई भी दिशा-निर्देश नहीं है। निजी अस्पताल से दवा लेकर स्वस्थ हो चुके मरीजों से संपर्क करने पर पता चला कि पॉजिटिव आने के बाद उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया है। जबकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि पॉजिटिव आने के तीसरे और सातवें दिन उनसे फोन पर संपर्क किया जा रहा है। किसी ने गलत फोन नंबर लिखवाया, उन्हीं से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
दवा पहुंचाई जा रही है
डॉ. संजय चिलकर, स्वास्थ्य अधिकारी, महानगरपालिका के मुताबिक जो मरीज होम आइसोलेट हैं और उनमें कोई लक्षण है, उन्हें मांगने पर दवा पहुंचाई जा रही है। बिना लक्षणवाले मरीजों को दवा देने के बारे में कोई दिशा-निर्देश नहीं है।
Created On :   30 Jan 2022 3:19 PM IST