7 दिन में मरीजों को स्वास्थ्य विभाग मान रहा स्वस्थ

Home isolation: Health department is treating patients as healthy in 7 days
7 दिन में मरीजों को स्वास्थ्य विभाग मान रहा स्वस्थ
होम आइसोलेशन 7 दिन में मरीजों को स्वास्थ्य विभाग मान रहा स्वस्थ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने बहुत कहर बरपाया है। कोरोना पॉजिटिव और मौत का आंकड़ा भी अधिक था। कोरोना की तीसरी लहर ने लोगों को ज्यादा परेशान नहीं किया है। विशेषज्ञों ने इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण वैक्सीनेशन बताया  है। हालांकि कोरोना की लहर में मौत का आंकड़ा फिर से बढ़ रहा है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को स्वास्थ्य विभाग 7 दिन में निगेटिव मान रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आईसीएमआर की नई गाइडलाइन में 7 दिन में होम आइसोलेशन वालों को निगेटिव मान जा रहा, जबकि कई संक्रमित ऐसे हैं, जो 8-10  दिन बाद भी कोरोना के असर से परेशान हैं। नई गाइडलाइन के कारण कागजों में हर दिन मिल रहे नए संक्रमितों से कहीं डेढ़ से दो गुना ज्यादा निगेटिव हो रहे हैं। 

क्या है नई गाइडलाइन में 

आईसीएमआर की   नई गाइडलाइन में कहा गया है कि ऐसे संक्रमित, जो होम आइसोलेशन में हैं और जिनको पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद लगातार 3 दिन बुखार नहीं आया है, वे 7 दिन बाद खुद को निगेटिव मान लें। इन्हें दोबारा आरटीपीसीआर कोरोना टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। सरकार इसी नई गाइडलाइन पर होम आइसोलेशन के मरीजों को निगेटिव मान रही है। इस कारण से ही तीसरी लहर में एक्टिव मरीजों की संख्या काफी तेजी से कम हो रही है।

होम आइसोलेशन में कोरोना का डर : तीसरी लहर में किसी में कोई लक्षण नहीं है और किसी में हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। बिना लक्षण वालों को तो पता भी नहीं चल रहा है और वह संक्रमित होकर ठीक भी हो जा रहे हैं। अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में हैं, लेकिन 7 दिन बाद भी उन्हें कोरोना का डर सता रहा है। कुछ को 7 दिन बाद बुखार हो रहा है।  अधिकारियों का कहना है कि गाइडलाइन के हिसाब से 7 दिन में निगेटिव मान लेना है। कुछ लाेगों ने बताया कि 7 दिन बाद उन्हें तकलीफ शुरू हुई है। 

पुन: तकलीफ शुरू हुई
मैं 25 जनवरी को कोरोना पॉजिटिव हुआ। गाइडलाइन के मुताबिक 31 जनवरी को उन्हें निगेटिव मान लिया गया। 2 फरवरी को उन्हें फिर से तकलीफ शुरू हो गई। 
प्रदीप, निवासी मनीष नगर

कोई लक्षण नहीं थे

मैं 20 जनवरी को कोरोना पॉजिटिव हुई। कोई लक्षण नहीं होने के कारण 7 दिन तक होम आइसोलेशन में रही, लेकिन अचानक 30 जनवरी को फिर से तबीयत खराब हो गई। 
आशादेवी (काल्पनिक नाम), देव नगर

गाइडलाइन में कहा गया है 
आईसीएमआर की गाइडलाइन है कि 7 दिन बाद अगर मरीज में आखिरी के 5, 6, 7 दिन तक काेई लक्षण नहीं हो तो, उन्हें हॉस्पिटल और होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज कर सकते हैं। इसके लिए आरटीपीसीआर टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। टेस्ट करने के बाद अगर कोई मरीज पॉजिटिव आए, तो उसे ज्यादा  परेशानी नहीं होती है। 
डॉ. संजय चिलकर, स्वास्थ्य अधिकारी, मनपा

Created On :   10 Feb 2022 6:33 PM IST

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