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संतरा नगरी के एक हजार सफाई कर्मियों के सिर पर होगी खुद की छत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा व सरकारी विभागों में 25 साल पूर्ण कर चुके सफाई कर्मचारियों को शहर में खुद के मकान मिलेंगे। ऐसे एक हजार सफाई कर्मियों को सरकार की तरफ से शहर में मकान दिए जाने की जानकारी राष्ट्रीय सफाई कामगार आयोग के सदस्य दिलीप हाथीबेड ने दी। राष्ट्रीय सफाई कामगार आयोग के सदस्य हाथीबेड ने विभागीय आयुक्तालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि 25 साल सरकारी विभागों व मनपा में सफाई कर्मचारी के रूप में कार्य कर चुके हर कर्मचारी को मकान देने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। मनपा ने ऐसे एक हजार सफाई कर्मचारियों की सूची तैयार की है।
इनके लिए जिलाधीश के मार्गदर्शन में शहर के अलग-अलग हिस्सों में जगह ढूंढने का काम जारी है। डा. भीमराव आंबेडकर श्रम सफल योजना के तहत यह मकान दिए जाएंगे। पिछले 8-10 साल से बंद पड़ी स्वयंरोजगार संबंधी योजना को भी इसी साल शुरू किया गया है। महात्मा फुले मागासवर्गीय महामंडल इसकी नोडल एजेंसी है और सफाई कर्मचारियों के बच्चों को स्वयंरोजगार के लिए कर्ज देने की व्यवस्था है। राज्य सरकार ने 135 करोड़ की गारंटी लेने के बाद यह योजना फिर शुरू हुई और सफाई कर्मचारियों के बच्चों को स्वयंरोजगार के लिए कर्ज देने का रास्ता साफ हो गया।
जिलाधीश के मार्गदर्शन में ढूंढी जा रही हैं जगह
ठेका पध्दति का विरोध करते हुए कहा गया कि हर सफाई कामगार को सरकारी दर से वेतन मिलना चाहिए। सरकारी दर से वेतन नहीं देने वालों की शिकायत आयोग से की जा सकती है। उन्होंने लाड पागे समिति पर नागपुर समेत देश भर में अमल करने की सूचना की। इससंबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निवेदन भी दिया गया है। इससे सफाई कर्मचारी की सीधी भर्ती का मार्ग खुलेगा और समाज के युवाओं को राेजगार मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि बैठक में अधिकारियों से सफाई कामगारों के लिए लागू योजना पर अमल हुआ या नहीं और क्या लाभ दिया इस बारे में जानकारी ली गई। सरकारी योजनाओं पर अमल करने में लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
Created On :   15 Jan 2019 7:39 PM IST