खान-पान वेंडरों की समस्याओं के निराकरण की बंधी आस, समाधान का भरोसा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. वर्षों से रेलवे प्लेटफार्मों पर खाने पीने का सामान बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले लाखों छोटे वेंडरों की कुछ समस्या का समाधान हो सकता है। अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसिज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र गुप्ता के मुताबिक रेल मंत्रियों ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि छोटे वेंडरों के पुराने लाइसेंसों के नवीनीकरण सहित अन्य समस्याएं जल्द निराकृत की जाएगी। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुप्ता ने गुरुवार को रेलवे खान-पान वेंडरों की समस्याओं को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे पाटील से भाजपा मुख्यालय में मुलाकात की। इस दौरान रेलवे के अधिकारी भी मौजूद थे। गुप्ता ने रेल मंत्रियों से मुलाकात के बाद कहा कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने वाले वेंडर 18 प्रतिशत जीएसटी भरते है, लेकिन रेलवे भी अलग से 18 प्रतिशत जीएसटी लेता है। इस प्रकार वेंडर 36 प्रतिशत जीएसटी भरते है। रेलवे को चाहिए की वह वेंडरों से अलग से 18 प्रतिशत जीएसटी ना वसूले। लाइसेंस फीस 12 प्रतिशत थी, अब 10 बिन्दुओं पर आधारित फार्मूला जोड़कर लाइसेंस फीस को बढ़ा दिया गया है, इसे समाप्त किया जाना चाहिए। अगर किसी वेंडर के पास चार यूनिट है, तो उनसे तीन यूनिट सरेंडर करने को कहा जा रहा है। कोविड के कारण छोटे वेंडरों का रोजगार पूरी तरह बंद रहा। सरकार से लगातार मांग कर रहे है कि वेंडरों को कम से कम 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। वेंडरों को बाजार दर पर बिजली बिल चार्ज करने सहित विभिन्न मांगों की ओर मंत्रियों का ध्यान आकर्षित किया। गुप्ता ने कहा कि रेल मंत्रियों ने इन सभी समस्याओं को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि इनमें से अधिकतर समस्याओं पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
Created On :   30 Jun 2022 8:08 PM IST