लड़खड़ाई व्यवस्था- पोस्टमार्टम के लिए शव के साथ भटक रहे परिजन

Hostesss strike faltering - relatives wandering with the dead body for post-mortem
लड़खड़ाई व्यवस्था- पोस्टमार्टम के लिए शव के साथ भटक रहे परिजन
परिचारिकाओं की हड़ताल लड़खड़ाई व्यवस्था- पोस्टमार्टम के लिए शव के साथ भटक रहे परिजन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल कर रहीं मेयो, मेडिकल की नर्सों ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। पिछले कई दिनों से हड़ताल के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ाने लगी है, हालांकि इंटर्न डाॅक्टर्स व्यवस्था संभालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन नर्सों के अभाव में किस मरीज को कितनी कौन सी दवा देनी है, किसको सलाइन लगानी है, किसको डिस्चार्ज करना है, कौन सी चीज कहां रखी है इसे संभालने में परेशानियां हो रही हैं। हालात ये हो गए हैं कि पोस्टमार्टम के लिए भी दिनभर इंतजार करना पड़ रहा है। मरीजों के परिजनों को भय सता रहा है कि मरीज को कोई गलत दवा न दे दे।

दिनभर भटकते रहे

एक मृतक के परिजन ने बताया कि उसके परिजन ने आत्महत्या कर ली। वह शव का पोस्टमार्टम करवाने मेडिकल में सुबह 8 बजे आया। पोस्टमार्टम के लिए क्या प्रक्रिया अपनानी है, इस बारे में अस्पताल में कोई जानकारी देने के लिए तैयार नहीं था। वह शव लेकर अपराह्न 4 बजे तक बैठा रहा, लेकिन पोस्टमार्टम कब होगा, यह कोई नहीं बता रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे।

3 दिन 1 घंटा काम बंद आंदोलन किया

मेडिकल व मेयो में परिचारिकाओं ने सोमवार से बुधवार तक 1 घंटा काम बंद आंदोलन किया, उसके बाद गुरुवार और शुक्रवार को पूर्णकालिक हड़ताल की गई।  महाराष्ट्र राज्य परिचारिका संगठन के सचिव जुल्फी अली, सायमन मेडेवार, शुभांगी पवार आदि के नेतृत्व में मेडिकल में और मेयो अस्पताल में महाराष्ट्र राज्य परिचारिका संगठन मेयो शाखा की अध्यक्ष एकता रंगारी, उपाध्यक्ष यशश्री बोदले के नेतृत्व में परचारिकाओं ने हड़ताल की। संयोगिता महेश गवली ने कहा कि सरकार द्वारा मांगें नहीं मानने पर शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की गई है।

नर्सों की मांग जायज है

डॉ. सजल बंसल, अध्यक्ष मार्ड के मुताबिक नर्सों की मांग जायज है और मार्ड ने आंदोलन का समर्थन किया है। सभी रेजिडेंट डॉक्टर अपना काम कर रहे हैं और नर्सों का भी काम कर रहे हैं। प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उचित वैकल्पिक व्यवस्था करे, ताकि मरीजों की सेवा बाधित न हो। अन्य अस्पतालों की तरह चिकित्सा में भी नर्सिंग छात्रों की मदद लेना आवश्यक है।

कोई गलत दवा न दें दे : एक परिजन ने बताया कि पिछले 15 दिन से अस्पताल में मरीज भर्ती है। डाॅक्टर सुबह राउंड पर आते हैं। पूरे दिन नर्स ही ख्याल रखती हैं। जबसे नर्स हड़ताल पर गई हैं, डर लग रहा है कि कोई गलत दवा न दे दे।  मरीज को कौन सी दवा कब देनी है वो नर्स ही देकर जाती थी।
 

 

 

 

Created On :   28 May 2022 4:49 PM IST

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