मारबत-बड़ग्या का जुलूस में उमड़ी भारी भीड़, तो कहीं बैलों की पूजा कर व्यक्त की कृतज्ञता

Huge crowd gathered in the procession of Marbat-Badgya
मारबत-बड़ग्या का जुलूस में उमड़ी भारी भीड़, तो कहीं बैलों की पूजा कर व्यक्त की कृतज्ञता
पोला मारबत-बड़ग्या का जुलूस में उमड़ी भारी भीड़, तो कहीं बैलों की पूजा कर व्यक्त की कृतज्ञता

डिजिटल डेस्क, नागपुर. श्रम के सम्मान का प्रतीक और बैलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पर्व पोला शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। शहर में अनेक स्थानों पर पोला उत्सव का आयोजन किया गया जिसमें किसान बड़ी संख्या में बैल जोड़ियां लेकर पहुंचे। बैलों को तोरण, फूलों से सजाया गया था। सींग और शरीर को रंगों से आकर्षक रूप दिया गया था। किसान अपनी बैलजोडि़यों को लेकर लोगों के घर पहुंचे जहां पूजा-अर्चना करने के बाद लोगों ने स्वादिष्ट पकवानों का भोग लगाया। 

मारबत-बड़ग्या का जुलूस, उमड़ी भारी भीड़ 

ईडा-पीडा रोग राई घेउन जा गे मारबत के नारों के साथ शनिवार को शहर में एेतिहासिक काली-पीली मारबत और समस्याओं को उजागर करने के साथ ही बुरााइयों पर प्रहार करता मारबत और बड़ग्या का जुलूस निकलागा। जुलूस की शुरुआत सुबह 9 बजे इतवारी स्थित नेहरू चौक पर काली मारबत और पीली मारबत के मिलन के साथ हुई। शहर में विभिन्न संस्था-संगठनों की ओर से बड़ग्या निकाले गए जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त कुरीतियों को आईना दिखा रहे थे। जुलूस शहीद चौक, चितार ओली चौक, कोतवाली चौक, गांधी गेट, गांधीबाग चौक, गोलीबार चौक से गुजरा। 

पारडी पोला उत्सव को 125 वर्ष पूर्ण, लगा मेला

पारडी पोला उत्सव को 125 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। पोला में किसानों को दुप्पटे दिए गए। करीब 100 बैलजोड़ी लेकर किसान मेले में पहुंचे। परिसर महादेव के गाने से गूंज रहा था।  उत्सव में हजारों लोग उपस्थित थे। पूर्व नगरसेवक देवेंद्र मेहर, गजानन भजभुजे, पुरुषोत्तम मंदीरकर, देवेंद्र कैकाडे, श्रीकांत रारोकर, पांडुरंग मेहर, पुलिस निरीक्षक मनोहर कोटनाके, केशव लेंडे, गोलू चकोले, राजू मानकर, राजेश गिरीपुजे, सुनील लेंडे, शैलेश मेहर, गणेश दुबे, कैलास खंडारे, विनय भुरे आदि उपस्थित थे। 

हिंगना तहसील में मनाया पोला

तहसील में पोले का त्योहार मनाया गया। बैलों को सजाकर पोले के मैदान में लाया गया। तहसील का प्रसिद्ध रायपुर हिंगना स्थित दासरा मैदान पर भरा पोला देखने के लिए दूरदराज से लोग आए थे। वहां उत्कृष्ट सजावट वाले 5 बैल जोड़ी को ईनाम दिया गया। वानाडोंगरी, हिंगणा, कीन्ही, रायपुर, कान्होलिबारा, गुमगाव, टाकलघाट, मोहगाव, अडेगाव, कवडस, कोतेवाडा, उमरी वाघ आदि गांव में पोले का त्योहार किसानों ने मनाया।  

 

 

Created On :   28 Aug 2022 5:07 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story