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मानव तस्करी: मजबूरी का फायदा उठाकर कराते थे देह व्यापार, पीडि़त युवतियों को किया परिजनों के हवाले
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा की आठ युवतियों को दुव्र्यापार के लिए नागपुर ले जा रहे तस्करों से बैतूल पुलिस ने मुक्त कराया था। पुलिस ने छिंदवाड़ा के आसपास के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली इन युवतियों को परिजनों के हवाले कर दिया है। वहीं इनमें से एक नाबालिग बालिका को बैतूल बाल सुधार गृह भेजा गया है। पुलिस आरोपियों के मोबाइल सेे मिले साक्ष्यों के आधार पर देह और मानव तस्करी के व्यापार में जुड़े अन्य लोगों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि सभी युवतियों को परिजनों के हवाले किया गया है। एक नाबालिग बालिका को बाल सुधार गृह भेजा गया है। आरोपियों से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली है। जिसके आधार पर टीम कार्रवाई कर रही है। गौरतलब है कि छिंदवाड़ा की आठ युवतियों को बालाजीपुरम घूमाने के बहाने नागपुर दुव्र्यापार करवाने के लिए महिला सहित तीन आरोपियों द्वारा बोलेरो से ले जाया जा रहा था। मुखबिर की सूचना पर मुलताई पुलिस ने 29 दिसम्बर की रात दुनावा बेरियर पर घेराबंदी कर आरोपियों को पकड़ा और युवतियों को मुक्त कराया था। पातालेश्वर प्रियंका उर्फ रश्मि वर्मा (30), कोसमी निवासी (26) नीलेश उर्फ लल्ला डेहरिया तथा कुकड़ा किरार निवासी (28) धारा सिंह चौहान के खिलाफ धारा 366, 506, 342, 34, अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धारा 5 के अलावा पॉक्सो एक्ट की धाराएं के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा गया है।
आर्थिक कमजोरी का उठा रहे थे फायदा-
एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि आरोपियों से मुक्त कराई गई युवतियां आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से है। जिसका फायदा उठाकर रश्मि और उसके गिरोह के सदस्यों द्वारा युवतियों को दुव्र्यापार में झोंका जा रहा था। टीम यह जानकारी जुटा रही है कि रश्मि ने अभी तक कितनी युवतियों को इस व्यापार में झोंक दिया है।
Created On :   2 Jan 2021 4:19 PM GMT