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उपराजधानी में उमस, विदर्भ के कई हिस्सों में बारिश- चंद्रपुर में बिजली गिरने से दंपति की मौत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में उमस से लोग परेशान हो रहे हैं। दोपहर में ज्यादा गर्मी महसूस हो रही है, बारिश थमने से दिन का तापमान बढ़ने लगा है। वातावरण में नमी बरकरार रहने से उमस बेचैन करने लगी है। मौसम विज्ञानियों ने 20 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की बात कही है। वहीं विदर्भ के कई जिलों में शुक्रवार को मूसलाधार बारिश हुई। गड़चिरोली व आरमोरी तहसील में शाम को दो घंटे तक बादल जमकर बरसते रहे। इधर भंडारा जिले की लाखनी और साकोली तहसील में गुरुवार की मध्यरात्रि तेज हवाओं के साथ बारिश होने से अनेक स्थानों की बिजली गुल हो गई। दूसरी ओर मौसम विभाग ने गोसीखुर्द बांध परिसर के आसपास बसे गांवों के नागरिकों को सतर्कता बरतने की चेतावनी दी है।
चंद्रपुर जिले की ब्रह्मपुरी तहसील में गाज गिरने से दोपहिया सवार पति-पत्नी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतकों के नाम पारडग़ांव के पिंटू मोतीराम राऊत(30) व पत्नी गुंजन पिंटू राऊत(25) बताए जाते हैं।
गोंदिया जिले की अर्जुनी मोरगांव तहसील के देऊलगांव (बो.) निवासी गुलाब फुकटे (62) के मकान पर बिजली गिरने से वह तथा उसका बेटा नारायण फुकटे (25) घायल हो गए एवं उनके घर को भी नुकसान पहुंचा। यवतमाल के महागांव में शुक्रवार शाम हुई बारिश में गाज गिरने से सवना निवासी ओमकार गुणाजी पाटे (17) नामक चरवाहा झुलस गया।
यवतमाल का मराठवाड़ा से टूटा संपर्क
यवतमाल जिले की उमरखेड़ तहसील के ढाणकी स्थित गजेगांव की पुलिया पर पानी भर जाने से यवतमाल का संपर्क मराठवाड़ा से पूरी तरह टूट गया। भारी बारिश के कारण ऊध्र्व पैनगंगा (इसापुर) बांध का पानी छोड़े जाने से वैनगंगा नदी का पानी इस पुलिया पर से बह रहा है। इस कारण यह स्थिति उपजी है। हिमायतनगर-पलसपुर-ढाणकी यह 18 किमी का रास्ता मराठावाड़ा में पहुंचनेवाला सबसे नजदीकी रास्ता है। इस कारण उमरखेड़ तहसील के लोग इसी मार्ग पर निर्भर हैं। लेकिन गांजेगांव की पुलिया कद में छोटी होने के कारण बारिश के दिनों में यहां पानी भर जाता है।
अनेक बांधों के गेट खोले
अमरावती के ऊध्र्व वर्धा प्रकल्प के तीन गेट 20 सेंमी से खोल दिए गए हैं। धामणगांव रेलवे सहित निम्न वर्धा प्रकल्प (बगाजी सागर) के 7 दरवाजे 50 सेमी तक खोले गए हैं। इसके अलावा मध्यम प्रकल्प शाहानूर के 2 गेट 5 सेमी, चंद्रभागा के 3 गेट 5 सेमी, पूर्णा प्रकल्प के 5 गेट 10 सेमी व सपन प्रकल्प के 4 गेट 5 सेमी तक खोले गए हैं।
Created On :   18 Sept 2020 9:51 PM IST