दिग्विजय सिंह ने पूछा- अध्यादेश फाड़ने से आहत थे, तो विपक्ष के नेता का पद क्यों स्वीकार किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देने वाले गुलाम नबी आजाद को अपने निशाने पर लिया है। आजाद के इस फैसले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने आपको सबकुछ दिया, उसके साथ आप ऐसा करेंगे, ऐसी उम्मीद कतई नहीं थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि गुलाम नबी जब जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं जीते, तब पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र से लोकसभा चुनाव लड़ाकर संसद में भेजा। पार्टी ने उन्हें दो बार लोकसभा सांसद बनाया, 30 साल तक राज्यसभा में रखा, जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनाया और कई बार केन्द्रीय मंत्री बनाया। लेकिन आज वे कह रहे हैं कि जब 2013 में राहुल गांधी ने पत्रकारों के सामने अध्यादेश की कॉपी फाड़ी थी, तब उनकी भावना आहत हुई थी। सिंह ने पूछा कि जब आप इतने आहत थे तब आपने मंत्रिमंडल से इस्तीफा क्यों नहीं दिया और 2014 में राज्यसभा में विपक्ष के नेता का पद क्यों स्वीकार किया? दिग्गी राजा ने आरोप लगाया कि गुलाम नबी आजाद का संबंध उन लोगों से जुड़ गया है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उपचार के लिए विदेश में हैं, तब आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दिया है।
Created On :   26 Aug 2022 8:09 PM IST