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नागपुर में ट्रिपल तलाक, दहेज की मांग और एक्सीडेंट के बाद पति ने साथ में रखने से किया इंकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में ट्रिपल तलाक का तीसरा मामला सामने आया है। सड़क हादसे में घायल होने और दहेज की मांग पूरी नहीं करने से शहर के एक युवा व्यापारी ने कागज पर लिखकर और फोन पर तीन बार तलाक-तलाक बोलकर पत्नी को छोड़ दिया है। इसके विरोध में पीड़ित पत्नी ने कोतवाली थाने में पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
जानकारी के अनुसार निलोफर राहिल पटेल (23 ) नामक महिला आशीर्वाद नगर निवासी है। उसका पति राहिल पटेल (27) महल निवासी है। वर्ष 2015 में उनका सामाजिक रीतिरिवाजों के अनुसार निकाह हुआ था। निलोफर के बड़े भाई अमजद ने बताया कि शादी में उन्होंने दस-बारह लाख रुपए खर्च किये थे। बड़े धूमधाम से शादी कराई थी। जिस वक्त निलोफर और राहिल की शादी हुई है,उसी वक्त राहिल की बहन की भी शादी हुई ।
एक साथ दो शादियों की जिम्मेदारी आन पड़ने से राहिल के पिता ने अपनी बेटी के दहेज में मदद करने को कहा था। जिससे निलोफर के पिता और भाई ने उसकी शादी में भी दहेज के तौर पर एलसीडी टीवी, फर्निचर,वॉशिंग मशिन आदि सामान दिया था। शादी के कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा,लेकिन बाद में निलोफर को दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रुप से प्रताड़ित किया जाने लगा । जब यह बात निलोफर के मायके में पता चली तो उन्होंने साढे़ तीन से चार लाख रुपए और दहेज में दिए। इसके बाद भी राहिल और उसके घर वाले दहेज की मांग करने लगे थे। जब प्रताड़ना की सारी हदें पार की तो निलोफर अपने पिता के घर आ गई। इस बीच वह रायना नामक एक बच्ची की मां बन गई।
निलोफर को लगा था कि बच्ची होने से उसके पति और सांस,ससुर में बदलाव होगा,लेकिन यह निलोफर का भ्रम था। इसके बाद भी दहेज की मांग की जाने लगी थी। इस बीच निलोफर सड़क हादसे में घायल हो गई। उसके पैर की हड्डी टूट गई थी। उसके पैर का ऑपरेशन हुआ । पैर में रॉड डाला गया था। इसके बाद निलोफर को अपाहिज हाेने का बहाना कर राहिल और उसके घर वालों ने साथ में ले जाने से मना कर दिया। घटित प्रकरण से दहेज की मांग पूरी नहीं करने और सड़क हादसे में उसके घायल होने से राहिल ने डाक के से तीन बार पत्र भेजकर निलोफर को ट्रिपल तलाक दिया है। इसके विरोध में निलोफर से थाने में शिकायत की है।
टोका-टाकी करने पर बात बिगड़ी :
निलोफर ने बताया है कि शादी के बाद उसका पति राहिल कई बार रात - रात भर घर से गायब रहता था। कई बार तो वह रात के तीन चार बजे घर पहुंचता था। इसके लिए वह राहिल को टोकती थी। जिससे बात बिगड़ गई है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।