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ट्रांसफर में अलग-अलग हो सकते हैं शिक्षक पति-पत्नी

डिजिटल डेस्क, नागपुर । जिला परिषद शिक्षकों के ट्रांसफर में इस बार पति-पत्नी अलग-अलग हो सकते हैं। बता दें कि जिप में ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ट्रांसफर के लिए पात्र इच्छुक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन भी भरवाए जा चुके हैं। इसमें 30 किलोमीटर के दायरे में पति-पत्नी के एकत्रिकरण का साफ्टवेयर में ऑप्शन उपलब्ध नहीं रहने से उन्हें बिछड़ने की नौबत आ सकती है। शासन के पति-पत्नी एकत्रिकरण निर्णय को नजरअंदाज कर अपनाई जा रही इस प्रक्रिया का भाजपा शिक्षक आघाड़ी के विदर्भ सहसंयोजक अनिल शिवनकर ने विरोध किया है।
27 फरवरी 2017 के शासन निर्णय के अनुसार शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू की गई है। शासन निर्णय में संवर्ग 2 और संवर्ग 4 के लिए पति-पत्नी के एकत्रिकरण में भेदभाव किया गया है। ऑनलाइन आवेदन के साफ्टवेयर में 30 किलोमीटर के दायरे में कार्यरत संवर्ग 4 के पति-पत्नी के एकत्रिकरण का ऑप्शन उपलब्ध नहीं है। इसके चलते शिक्षक पति-पत्नी को बिछड़ने की नौबत आ सकती है। हालांकि शिक्षा विभाग का कहना है कि ऐसी नौबत आने पर शिक्षकों से पुन: ऑनलाइन आवेदन भरने के लिए मौका दिया जा सकता है।
आवास भत्ता रोकने का विरोध
मुख्यालय में नहीं रहने वाले शिक्षकों का 1 अप्रैल से आवास भत्ता रोकने के प्राथमिक शिक्षणाधिकारी ने सभी गटशिक्षणाधिकारियों को आदेश दिए है। भाजपा शिक्षक आघाड़ी ने इसे विरोध किया है। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर आदेश रद्द करने की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षकों के रहने की सुविधाओं का अभाव है। शिक्षक भले ही आना-जाना करते हैं, लेकिन समय पर स्कूल पहुंचते हैं।
उनके आना-जाना करने से शैक्षणिक कार्य प्रभावित नहीं हो रहे हैं। शालेय शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव नंदकुमार कई बार कह चुके हैं कि शिक्षकों के मुख्यालय में नहीं रहने और शैक्षणिक गुणवत्ता को कोई संबंध नहीं है। समय पर स्कूल पहुंचकर शालेय कामकाज ठीक ढंग से होना चाहिए। मुख्यालय में नहीं रहने वाले शिक्षकों का अावास भत्ता रोकने का कोई कारण नहीं है।
6 वें वेतन आयोग का बकाया मिलेगा
मुख्य कार्यकारी अधिकारी से मिलकर प्रतिनिधिमंडल ने अनेक विषयों पर चर्चा की। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि 6वें वेतन आयोग का बकाया 15 मई तक शिक्षकों के खाते में जमा किया जाएगा। इसी के साथ चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल तथा भविष्य निर्वाह निधि के अग्रीम मामले तहसील स्तर से त्रुटी सुधारकर जिला परिषद को भेजने, भविष्य निर्वाह निधि के खाते में जमा किश्तों में गड़बड़ी, आयकर कटौती के मामले, केंद्र प्रमुख, शिक्षण विस्तार अधिकारी, उच्च श्रेणी मुख्याध्यापकों की पदोन्नति, विद्युत बिल की अदायगी आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
प्रतिनिधिमंडल में घाड़ी की प्रदेश संयोजक कल्पना पांडे, विदर्भ संयोजक उल्हास फड़के, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव पोतदार, जिप शिक्षण समिति सभापति उकेश चौहान, सुरेश गोंडाने, राजेश बीरे, बलिराम चापले, नितीन रायबोले, अनिल नागपुरे आदि का समावेश रहा।
Created On :   30 April 2018 4:07 PM IST