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वाझे का पत्र देख आई हंसी, अजित पवार ने कहा- होनी चाहिए जांच
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एंटीलिया मामले में गिरफ्तार निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के पत्र में अपने नाम का उल्लेख होने पर उपमुख्यमंत्री अजित ने सफाई दी है। गुरुवार को पंढरपुर में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वाझे का पत्र देखकर मुझे हंसी आई। मैंने वाझे से कभी मुलाकात नहीं की है और न ही उससे कभी बात की है। वाझे का आरोप साफ झूठ है। वाझे की जांच होनी चाहिए। इस जांच में दुध का दुध, पानी का पानी साफ हो जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोगों को मालूम है कि सरकार के कामकाज में मेरी एकदम सख्त भूमिका रहती है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास चल रहा है क्योंकि वाझे का पत्र सामने आने से तीन -चार दिनों पहले से भाजपा के नेता कह रहे थे कि और मंत्रियों का विकेट गिरेगा और धमका होगा। अब भाजपा के नेताओं को पहले कैसे पता चल जाता है कि धमका होने वाला है? इससे पहले वाझे ने पत्र में दावा किया था कि उपमुख्यमंत्री के करीबी ने मुझे फोन करके अवैध रूप से गुटखा आपूर्ति करने वाले व्यापारियों से पैसे वसूलने को कहा था। लेकिन मैंने वसूली करने से मना कर दिया था।
केंद्र सरकार ने विदेश में भेजा टीका
एक सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं स्पष्ट कह रहा हूं कि राज्य को जरूरत के अनुसार टीका नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार ने शुरुआत के दिनों में जल्दबाजी करते हुए विदेश में कोरोना का टीका भेजा। लेकिन अब केंद्र सरकार को राज्यों की जरूरत को पूरा करना चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना टीका वितरण को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार का एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने से कुछ नहीं होने वाला है।
Created On :   8 April 2021 10:02 PM IST