खुले में शौच करते पाए गए तो देना पड़ेंगे 500 रुपए 

If found defecate in open, then will have to pay 500 rupees fine
खुले में शौच करते पाए गए तो देना पड़ेंगे 500 रुपए 
खुले में शौच करते पाए गए तो देना पड़ेंगे 500 रुपए 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। यदि आपको खुले में शौच और लघुशंका करने की आदत है। आप सार्वजनिक जगहों पर थूकने और गंदगी फैलाने के आदी हो चुके हैं। तो अब नए साल में आपको सुधरना पड़ेगा। यदि आप अपनी आदतों में बदलाव नहीं लाएंगे तो आपकी जेब ढीली होनी तय है। दरअसल प्रदेश सरकार अब खुले में शौच करने, पेशाब करने, थूकने और गंदगी करने वालों से सख्ती से निपटेगी। सरकार ने नियमों का अनुपालन न करने वालों से दंड वसूलने का अधिकार महानगर पालिका को दिया है। इसके मुताबिक अब अ, ब, क और ड वर्ग वाले मनपा क्षेत्रों में खुले में शौच करते हुए पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति से 500 रुपए का दंड वसूला जाएगा। अ और ब वर्ग मनपा क्षेत्रों में खुले में लघुशंका करने वालों से 200 रुपए और क और ड वर्ग मनपा क्षेत्रों में 100 रुपए दंड के रूप में लिए जाएंगे। अ और ब वर्ग मनपा क्षेत्रों में सार्वजनिक जगहों पर थूकने वालों से 150 रुपए और क और ड मनपा क्षेत्रों में 100 रुपए वसूले जाएंगे। अ और ब वर्ग वाली मनपा क्षेत्र में सड़कों पर गंदगी फैलाने वालों से 180 रुपए और क और ड मनपा क्षेत्र सड़कों को गंदा करने पर 150 रुपए का दंड लिया जाएगा। 

लघुशंका, थूकने और गंदगी करने वालों से भी वसूला जाएगा दंड 

प्रदेश सरकार के नगर विकास विभाग ने शासनादेश जारी करके महानगर पालिकाओं को संबंधित संस्था व व्यक्ति से दंड ( स्पॉट फाइन) वसूलने का अधिकार दिया है। सरकार ने इस पर तत्काल अमल करने को कहा है। सरकार के मुताबिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के तहत राज्य के शहरी इलाकों में मनपा की तरफ से नागरिकों को सभी बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इस काम में नागरिकों का सहयोग भी जरूर होता है। पर जो नागरिक सहयोग नहीं करते हैं उनसे दंड वसलूने का अधिकार मनपा को सरकार ने महाराष्ट्र महानगर पालिका अधिनियम 1949 की धारा 450 (अ) के प्रावधानों के तहत देने का फैसला किया है। इससे मनपा के अधिकारी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के प्रावधानों का पालन न करने वालों से दंड वसूल सकेंगे। 

केंद्र की तरह राज्य में स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान

केंद्र की तरह राज्य में स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत शहरों में जिन परिवार के पास व्यक्तिगत और सामूहिक शौचालय की सुविधा नहीं हैं उन्हें शौचालय सुविधा उपलब्ध करा करके शहर को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है। साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन करके शहर का साफ सुथरा रखने का लक्ष्य है। 1 अक्टूबर 2017 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने प्रदेश के शहरी इलाकों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है।
 

Created On :   1 Jan 2018 10:16 AM GMT

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