पड़ोसी देश पाकिस्तान की चीनी आई तो मुंह के बल गिरेंगे दाम, किसान परेशान

If Pakistani sugar came to India, farmers Will come in deficit
पड़ोसी देश पाकिस्तान की चीनी आई तो मुंह के बल गिरेंगे दाम, किसान परेशान
पड़ोसी देश पाकिस्तान की चीनी आई तो मुंह के बल गिरेंगे दाम, किसान परेशान

विजय सिंह कौशिक, डिजिटल डेस्क, नागपुर। पड़ोसी देश पाकिस्तान इस साल 15 लाख टन चीनी का निर्यात करना चाहता है। भारत उसके लिए सबसे सुविधाजनक बाजार है। पाकिस्तानी चीनी भारत आई तो यहां के गन्ना किसानों के लिए मुश्किल पैदा हो जाएगी। इसलिए महाराष्ट्र के चीनी उत्पादक चाहते हैं कि किसी भी हालत में पाकिस्तानी चीनी भारत न आए। चीनी उद्योग से जुड़े राज्य के पूर्व संसदीय कार्य एवंं सहकारिता मंत्री हर्षवर्धन पाटील के मुताबिक पाकिस्तान ने अपनी निर्यात नीति घोषित की है। उसमें कहा गया है कि इस साल 15 लाख टन चीनी निर्यात का लक्ष्य है। बाघा बार्डर के रास्ते पाकिस्तानी चीनी भारत आती रही है,लेकिन इस साल हमारे यहां भी गन्ने का अच्छा उत्पादन हुआ है। इसलिए हमें विदेशी चीनी की जरूरत नहीं है। 

इस साल गन्ने का अच्छा उत्पादन

पाटील ने कहा कि तीन सालों के सूखे के बाद इस साल गन्ने का अच्छा उत्पादन हुआ है। अब भी किसानों के अच्छे दिन नहीं आ रहे हैं। थोक बाजार में चीनी की कीमतें गिरती जा रही हैं। 20 दिनों के भीतर प्रति क्विंटल 500 रुपए की गिरावट आई है। ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि कुछ लोग इस तरह का प्रचार कर रहे हैं कि चीनी का अतिरिक्त स्टाक भारी मात्रा में है। जिससे कीमतों में गिरावट आ रही है। जबकि लंदन एवं न्यूयार्क का बाजार स्थिर बना हुआ है। सरकार को इस पर रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। 

देश में 250 मैट्रीक टन चीनी की जरूरत

उन्होंने बताया कि देश में 250 मैट्रीक टन चीनी की जरूरत होती है। इस बार 280 मैट्रिक टन चीनी उत्पादन की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश में 100 लाख टन और महाराष्ट्र में 75 लाख टन उत्पादन की संभावना है। फिलहाल महाराष्ट्र के 210 चीनी मिलों में पेराई का काम शुरु है। अब तक 225 मैट्रीक टन गन्ने की पेराई हो चुकी है। यह मार्च तक जारी रहेगा। 

नहीं रही स्टाक लिमिट की जरूरत 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पाटील ने कहा कि जब भरपूर मात्रा में चीनी उपलब्ध है तो स्टाक लिमिट की क्या जरूरत है। इसलिए सरकार को चीनी के लिए तय स्टाक लिमिट को तुरंत हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलिपिंस और ईरान ने अपने यहां चीनी के आयात पर पाबंदी लगा दी है। भारत सरकार को भी इस तरह के कदम उठाने की जरूरत है। गौरतलब है कि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। पाटील ने कहा कि यूपीए सरकार के समय विदेशों को चीनी निर्यात किए गए थे। इससे गन्ना किसानों को लाभ हुआ पर मोदी सरकार में चीनी का निर्यात बंद पड़ा है। एक्सपोर्ट ड्यूटी भी रद्द किया जाना चाहिए।  

पाकिस्तान में चीनी सस्ती

महाराष्ट्र चीनी कारखाना संघ के प्रबंध निदेशक संजय खताल के मुुताबिक पाकिस्तान में इस साल गन्ने की अच्छी पैदावार हुई है। वहां से चीनी आने की संभावना है। पाकिस्तान सरकार ने ट्रांसपोर्ट चार्ज में प्रति टन 125 रुपए की सब्सिडी भी देने का फैसला लिया है। इससे उनकी चीनी भारतीय चीनी से सस्ती पड़ सकती है और भारतीय व्यापारी सस्ती चीनी आयात कर सकते हैं। 
            

Created On :   14 Dec 2017 6:44 PM IST

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