'अब बकाया बिल नहीं भरा तो कटेगा किसानों का बिजली कनेक्शन' 

if remaining bill not paid,then electricity connection of the farmers will be cut
'अब बकाया बिल नहीं भरा तो कटेगा किसानों का बिजली कनेक्शन' 
'अब बकाया बिल नहीं भरा तो कटेगा किसानों का बिजली कनेक्शन' 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बिजली बिल नहीं भरने वाले बकायादार किसानों के बिजली कनेक्शन काटने की सीधी चेतावनी पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दी है। तीन साल से बकायादार किसानों के मीटर नहीं काटने को लेकर पालकमंत्री ने कहा कि किसानों को बिजली का बकाया बिल अदा करने के लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री कृषि संजीवनी योजना 2017 शुरू कर रही है। इस योजना के तहत बिजली बिल बकायादारों को सप्ताहभर के भीतर करंट यानी चालू बिल भरने के लिए कहा गया है। इस दौरान चालू महीने का बिल भुगतान न करने वाले किसानों के मीटर कनेक्शन काटने की चेतावनी उन्होंने दी है। सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सभागृह में आयोजित पत्र-परिषद के दौरान उन्होंने यह जानकारी दी। 

किसानों पर 39 हजार 272 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया 

बावनकुले ने बताया कि राज्य में 41 लाख किसानों के लिए यह योजना लाई जा रही है। इन किसानों पर 2.12 करोड़ एचपी बिजली का भार होता है। इनमें से 25.41 लाख मीटर वाले बिजली कनेक्शन हैं, जबकि बिना बिजली वाले मीटर कनेक्शनों के ग्राहकों की संख्या 15.41 लाख है। एक किसान के खेत में बिजली बिल आपूर्ति के लिए 1.12 लाख से 1.25 लाख रुपए तक का खर्च आता है, लेकिन सरकार उन्हें यह कनेक्शन 3 से साढ़े सात हजार रुपए में उपलब्ध कराती है। वहीं किसानों को एक यूनिट बिजली बिल आपूर्ति करने के लिए 6.50 रुपए का खर्च आता है, फिर भी सरकार ये बिजली आपूर्ति 1.80 रुपए प्रति यूनिट की औसत दरों पर करती है। इन सभी सुविधाओं के बाद भी 31 मार्च 2017 तक किसानों पर कुल 39 हजार 272 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है। इसमें से 19 हजार 272 करोड़ रुपए का बकाया, 10890 करोड़ का मूल बकाया, ब्याज दर 8164 करोड़ रुपए, दंड 218 रुपए का समावेश है। 

क्या है योजना 

इस योजना के तहत 30 हजार से कम बकाया वाले ग्राहकों से बकाया की मूल रकम 5 समान हफ्तों में वसूल की जाएगी, जबकि 30 हजार से अधिक की बकाया रकम वालों को मूल बकाया को 10 समान हफ्तों में भरने का लाभ मिलेगा। चालू बिल (अप्रैल से जून) नवंबर 2017 तक भरकर मूल बकाया राशि से 20 प्रतिशत का पहले भरना होगा। इसके बाद मार्च 2018 में 20 प्रतिशत, जून 2018 में 20 प्रतिशत, सितंबर 2018 में 20 प्रतिशत और दिसंबर 2018 में भी 20 प्रतिशत बकाया राशि महावितरण कंपनी को भरना होगा। किसानों पर बकाया राशि चुकाने का बोझ न बढ़े इसलिए इस योजना के तहत सहभागी होने वाले किसानों से दंड और ब्याज की रकम माफ किए जाने की भी जानकारी उन्होंने दी। उन्होंने कहा कि बिजली निर्माण, पारेषण और वितरण के लिए कंपनी के बकायादारों को बिजली बिल देने की क्षमता खत्म होने से वसूली का लक्ष्य निश्चित किया गया है। 

बकाया का हिसाब

2017-18 वित्त वर्ष के पहले अप्रैल से जून तिमाही में बिजली देय व देय भुगतान के अनुसार इस तिमाही में 1058 करोड़ रुपए की मांग थी, लेकिन ग्राहकों की ओर से केवल 195 करोड़ रुपए की बिजली दी जा रही है, जिससे बकाया 863 करोड़ रुपए जा पहुंचा है। बकाया बिजली बिल की राशि का भुगतान करने के लिए शिविर लगाए जाएंगे। ये शिविर 2017 के साथ हर तीन माह में उन स्थानीय कार्यालय स्तर पर बाजार दिन में लगाए जाएंगे। 


सौर्य ऊर्जा पर जोर

पालकमंत्री ने यह भी बताया कि बिजली की कुल मांग 17500 यूनिट की होती है, जिसमें से किसानों को करीब 4000 यूनिट लगती है। आने वाले 5 साल में किसानों को सौर्य ऊर्जा आधारित कनेक्शन से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री सौर्य कृषि वाहिनी योजना तैयार की जा रही है। इसमें 1 मेगावाट बिजली परियोजना से 200 किसानों को जोड़ा जाएगा। इसी तरह 2 मेगावाट बिजली परियोजना से 500 किसानों को जोड़ने के साथ 20 मेगावाट बिजली परियोजनाओं को भी तैयार करने की योजना है। इससे किसानों को वर्तमान के साढ़े छह रुपए प्रति यूनिट की दर से दी जाने वाली बिजली महज 2.98 रुपए से लेकर 3.25 रुपए प्रति यूनिट की दर पर मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि 200 मेगावाट परियोजना की निविदा प्रक्रिया नवंबर अंत तक पूरी कर ली जाएगी। मार्च 2018 तक 500 मेगावाट बिजली परियोजना का काम पूरा किया जाएगा। सरकार की जो जमीन बेकार पड़ी है, ऐसी जमीनों पर 15 साल के लिए सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। 

जलापूर्ति और बिजली आपूर्ति पर भारी बकाया

ग्राम पंचायत और नगर परिषदों आदि पर 2500 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है। यह बिजली स्ट्रीट लाइट पर खर्च हुई है। वहीं 1500 करोड़ रुपए स्थानीय निकायों के जलापूर्ति विभाग पर बकाया है। औद्योगिक और व्यावसायिक कनेक्शनों की देय दर 99 प्रतिशत है। सरकार अब 14वें वित्त आयोग की निधि को आगे ग्राम पंचायतों, जिला परिषदों, नगर पालिका आदि से सीधे जोड़ते हुए बिजली बिल बकाया के अंतर को वसूलने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसी तरह जलापूर्ति पर लगने वाली बिजली को कम करने के लिए आगे जलापूर्ति की बिजली सोलर पैनलों के माध्यम से करने की तैयारी की जा रही है।

Created On :   31 Oct 2017 9:29 AM IST

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