पेयजल व्यवस्था की नहीं बनी तो चुनाव का करेंगे बहिष्कार, पलायन को मजबूर ग्रामवासी

If the drinking water system is not created the villagers boycott elections
पेयजल व्यवस्था की नहीं बनी तो चुनाव का करेंगे बहिष्कार, पलायन को मजबूर ग्रामवासी
पेयजल व्यवस्था की नहीं बनी तो चुनाव का करेंगे बहिष्कार, पलायन को मजबूर ग्रामवासी

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। पांढुर्ना विकासखंड के ग्राम वाडेगांव में पेयजल के भीषण संकट की स्थिति है। लगभग 35 सौ की आबादी वाले वाडेगांव में नलों में दस से बारह दिन के अंतराल में पेयजल सप्लाई हो रहा है। क्षेत्र में स्थित कुएं सूख गए हैं एवं जलस्तर बहुत नीचे चला गया है। ग्राम के अधिकांश ग्रामीण कृषि पर निर्भर हैं। सिंचाई के लिए भी पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। पानी के संकट के चलते ग्रामवासी पलायन को मजबूर हो रहे हैं। वाडेगांव से कलेक्ट्रेट पहुंचे दो सैकड़ा से अधिक महिला-पुरुषों ने यह व्यथा मंगलवार को कलेक्टर को सुनाई। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था की मांग की जा रही है। जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों से दर्जनों बार गुहार लगाने के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हुआ। अब गांव में पेयजल व सिंचाई के लिए नहर या तालाब की व्यवस्था नहीं की गई तो सभी ग्रामवासी चुनाव का बहिष्कार करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम से करीब एक किमी दूर वर्धा नदी के डायवर्सन से पानी महाराष्ट्र जा रहा है। इस पर डेम बना देने से आसपास के करीब डेढ़ दर्जन ग्रामों में पेयजल की समस्या सुलझ जाएगी।
रोजाना एक-दो वार्ड में ही होती है पेयजल सप्लाई-
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम के 20 वार्ड में से 16 वार्डों में ग्राम पंचायत द्वारा नलों से पेयजल सप्लाई कराई जा रही है। रोजाना एक से दो वार्ड में ही कुछ देर के लिए पेयजल सप्लाई की व्यवस्था बन पा रही है। इससे एक बार पानी सप्लाई होने के बाद 10 से 12 दिन बाद ही उस वार्ड का नंबर आ पाता है।
जलस्तर गिरा, सूख गए कुएं-
ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में जलस्तर में भारी गिरावट आई है। किसानों का सबसे ज्यादा खर्चा पानी की व्यवस्था बनाने में हो रहा है। 12 सौ स्क्वेयर फीट तक में बोर कराने पर भी पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। क्षेत्र में दर्जनों कुएं हैं लेकिन अधिकांश सूख गए हैं। हालत यह हैं कि ग्रामवासी दो से तीन किमी दूर के कुओं से पानी लाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
आधे रास्ते में ही थम गई जिंदगी-
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम की एक महिला पिछले दिनों करीब एक किमी दूर खेत में पानी लेने गई थी। आधे रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

 

Created On :   17 April 2018 4:43 PM IST

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