वन्यजीवों को लेकर नियमों की अनदेखी,खुले कुएं में गिरने से हो जाती है मौत

ignorance Regarding the rules about wildlife in nagpur death due to faal in well
वन्यजीवों को लेकर नियमों की अनदेखी,खुले कुएं में गिरने से हो जाती है मौत
वन्यजीवों को लेकर नियमों की अनदेखी,खुले कुएं में गिरने से हो जाती है मौत

 डिजिटल डेस्क, नागपुर। वन्यजीवों को लेकर जंगल क्षेत्र से सटे खेतों में  काफी अनदेखी हो रही है जिसका खामियाजा वन्यजीवों को भुगतना पड़ता हैै। वैसे तो जंगली जानवर कभी भी खेतों की ओर रुख कर लेते हैं लेकिन रात के वक्त इनका अक्सर  आना-जाना लगा रहता है। लिहाजा खेतों में बने कुएं सुरक्षा की दृष्टि से जालीबंद होना चाहिए। नियम भी है, लेकिन कई खेत मालिक इसे नजरअंदाज करते हैं।   हाल ही में नागपुर रेंज अंतर्गत खुले कुएं में एक सुअर गिरने पर वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर को भारी कवायद भी करनी पड़ी थी।

6 टाइगर प्रोजेेक्ट से सटे हैं गांव
राज्य में कुल 307.58 लाख हेक्टर जमीन में 16.9 लाख हेक्टेयर में वन क्षेत्र है। 2017 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 61 हजार 724 वर्ग किमी क्षेत्र में  जंगल फैला है। जिसमें कोर इलाकों के अलावा 6 व्याघ्र प्रकल्प हैं, जिसमें मेलघाट, ताड़ोबा अंधारी, पेंच, सह्याद्री, बोर, नवेगांव-नागझिरा प्रकल्प आदि है। केवल विदर्भ की बात करें तो पेंच, ताड़ोबा, बोर, मेलघाट जैसे जंगल क्षेत्र आते हैं। जहां बड़ी संख्या में वन्यजीव हैं। इनमें बाघ का भी समावेश हैं। इन जंगलों के आस-पास कई किसानों की खेती है। इन खेतों में वनजीव रात में खाने की तलाश में आते हैं। इनमें बाघ, जंगली सुअर, तेंदुआ, लोमड़ी, हिरण का मुख्य रूप से समावेश रहता है।

खेत के कुएं में नहींं होती है जाली
खेतों में फसलों को पानी देने के लिए कुआं आम है, लेकिन कई कुएं जालीबंद नहीं होने से रात के अंधेरे में वन्यजीव इसमें गिर जाते हैं। खेत में कुओं को जाली से ढंकना, कुएं के चारों तरफ सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश भी हैं, लेकिन लापरवाही कहें या पैसों की कमी, कई किसान इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। परिणामस्वरूप वन्यजीव कुएं में गिरने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। वन विभाग ने कुएं में वन्यजीव गिरने की घटना को गंभीरता से लेकर दिशा-निर्देश दिए गए थे, लेकिन कई खेत मालिक इसे नजरअंदाज करते हैं। कुएं में वन्यजीव गिरने की घटनाएं होती रहती हैं। हम हर बार इन्हें बचा लेते हैं।  -एस. निंबेकर, आरएफओ, रेस्क्यू सेंटर, नागपुर

Created On :   11 April 2018 9:19 AM GMT

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