पेंच नेशनल पार्क में महाराष्ट्र बैरियर से हो रही वाहनों की अवैध घुसपैठ

Illegal intrusion of vehicles from Maharashtra Barrier in Pench National Park
पेंच नेशनल पार्क में महाराष्ट्र बैरियर से हो रही वाहनों की अवैध घुसपैठ
पेंच नेशनल पार्क में महाराष्ट्र बैरियर से हो रही वाहनों की अवैध घुसपैठ

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । टुरिया, कर्माझिरी और जमतरा पेंच नेशनल पार्क के ये तीन प्रवेश द्वार हैं जहां से पर्यटकों को भीतर ले जाया जाता है। इसके अलावा बाकी चौकियों, बैरियर व अन्य द्वारों से प्रवेश प्रतिबंधित है। पेंच पार्क में मध्यप्रदेश के छोर यानी सिवनी और छिंदवाड़ा जिले से अघोषित रास्तों से प्रवेश पर पूरी सख्ती बरती जा रही है, लेकिन महाराष्ट्र छोर पर ऐसा नहीं है। महाराष्ट्र के घाटपिंडरई और सालई बैरियर से छोटे-बड़े वाहन प्रवेश कर रहे हैं। खासबात यह कि पेंच पार्क के भीतर वाहन मध्यप्रदेश की सीमा से होकर गुजर रहे हैं। एक तरफ सख्ती और दूसरे छोर पर ढील पेंच टाइगर रिजर्व की सुरक्षा पर बड़ा सवाल हो सकता है।

आने-जाने वालों से शुल्क वसूल रहे
महाराष्ट्र की ओर से आने वाले छोटे-बड़े वाहनों से शुल्क वसूलकर बकायदा उन्हें रसीद भी दी जा रही है। 300 रुपए प्रति वाहन के अनुसार शुल्क वसूला जा रहा है। घाटपिंडरई और सालई में रसीदें काटी जा रही हैं।

वनग्राम के लोगों को है छूट
पेंच टाइगर रिजर्व एरिया के भीतर वन ग्राम भी हैं। जिनके आवागमन की व्यवस्था पेंच पार्क महाराष्ट्र प्रबंधन की ओर से बनाई गई है। बताया जा रहा है कि वन ग्रामों की आड़ में दूसरे लोग भी आसानी से प्रवेश पा रहे हैं।

पार्क के भीतर से रामटेक तक पहुंच रहे
घाटपिंडरई बैरियर से प्रवेश कर रहे वाहन पेंच पार्क के तोतलाडोह, टीटी, सलामा और सिलारी गेट से होते हुए कोर एरिया को पार कर रहे हैं। वाहन यहां से देवलापार, पावनी, रामटेक और मानसर तक पहुंच रहे हैं।

चैकिंग औपचारिक, सुरक्षा पर सवाल
पेंच पार्क के भीतर लगे बैरियरों पर वाहनों को रोका जाता है। वाहनों के नंबर और यात्रियों के नाम नोट किए जा रहे हैं। यह चैकिंग औपचारिक ही हो रही है। जिससे पार्क और वन्यजीवों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

कमांडर जीप भी दौड़ रही
दोपहिया-चौपहिया वाहनों के साथ ही वन्यप्राणियों के लिए आरक्षित क्षेत्र के कच्चे व पक्के रास्तों पर कमांडर जीप भी दौड़ रही है। नेशनल पार्क में आमतौर पर पेट्रोल वाहन ही चलाए जाते हैं, लेकिन यहां डीजल से चलने वाले वाहन भी गुजर रहे हैं।

अधिकारियों का कहना
पेंच पार्क के महाराष्ट्र के हिस्से में गांव हैं, इसलिए वनग्रामों के लोगों को आने जाने वे ही परमिशन देते हैं। हमारे यहां शादी की परमिशन मांगने पर ही वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा है। बाकी किसी की एंट्री नहीं है।
शुभरंजन सेन, डायरेक्टर, पेंच नेशनल पार्क

 

Created On :   4 May 2018 1:18 PM IST

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